महारानी की मौत के बाद न्यूजीलैंड की गणतंत्र देश बनने की कोई योजना नहीं

वेलिंगटन, 12 सितंबर (एपी) न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने सोमवार को कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनकी सरकार देश को गणतंत्र में बदलने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाएगी। अर्डर्न ने कहा कि उनका मानना है कि न्यूजीलैंड आखिरकार एक गणतंत्र देश बनेगा और संभवत: यह उनके जीवनकाल में होगा, लेकिन अभी उनकी सरकार के समक्ष और भी अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के निधन के बाद न्यूजीलैंड गणराज्य को लेकर छिड़ी बहस की पृष्ठभूमि में उनकी यह टिप्पणी सामने आई है। अर्डर्न पहले भी देश के गणतंत्र बनने के लिए अपना समर्थन व्यक्त कर चुकी हैं। वर्तमान प्रणाली के तहत, ब्रिटिश सम्राट न्यूजीलैंड का राष्ट्र प्रमुख होता है, जिसका प्रतिनिधित्व न्यूजीलैंड में गवर्नर-जनरल द्वारा किया जाता है। गवर्नर-जनरल की भूमिका इन दिनों मुख्य रूप से औपचारिक मानी जाती है। हालांकि कई लोगों का तर्क है कि न्यूजीलैंड अपने उपनिवेशवादी अतीत की छाया से पूरी तरह से बाहर निकलने में तब तक सक्षम नहीं होगा जब तक कि यह एक गणतंत्र नहीं बन जाता और ऐसा होने पर ही यह वास्तव में एक स्वतंत्र राष्ट्र बन पाएगा। अर्डर्न ने कहा, ‘‘कई सालों से बहस चल रही है। मैंने अपना विचार कई बार स्पष्ट किया है। मुझे विश्वास है कि न्यूजीलैंड समय के साथ आगे बढ़ेगा। मेरा मानना है कि यह मेरे जीवनकाल में ही संभव हो जाएगा।” अर्डर्न ने कहा, ‘‘लेकिन यह ऐसी चीज नहीं है जिसे जल्द लागू करना इस समय एजेंडे में हो।” उन्होंने कहा कि गणतंत्र बनना कोई ऐसी बात नहीं है जिस पर उनकी सरकार ने किसी भी समय चर्चा करने की योजना बनाई हो। अर्डर्न ने कहा, ‘‘हमारे सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। यह एक बड़ी, महत्वपूर्ण बहस है। मुझे नहीं लगता कि यह जल्दी से होगा या होना चाहिए।” एलिजाबेथ के निधन और किंग चार्ल्स तृतीय के गद्दी संभालने के बाद दुनिया भर के कई देशों में गणतंत्र की बहस फिर से शुरू हो गई है। चार्ल्स न केवल ब्रिटेन और न्यूजीलैंड में बल्कि कनाडा, जमैका और ऑस्ट्रेलिया सहित 13 अन्य देशों के भी राष्ट्र प्रमुख बने हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने मई में चुने जाने के बाद एक ऑस्ट्रेलियाई गणराज्य की नींव रखनी शुरू कर दी थी। हालांकि उन्होंने रविवार को कहा कि अभी वक्त बदलाव का नहीं बल्कि एलिजाबेथ को श्रद्धांजलि देने का है। उन्होंने पहले कहा था कि गणतंत्र बनने पर जनमत संग्रह कराना सरकार में उनके पहले कार्यकाल की प्राथमिकता नहीं है। न्यूजीलैंड में कई लोगों का अनुमान था कि एलिजाबेथ की मृत्यु के बाद गणतंत्र की बहस गति पकड़ेगी।

अर्डर्न ने सोमवार को यह भी घोषणा की कि एलिजाबेथ की मृत्यु पर न्यूजीलैंड 26 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करेगा। राष्ट्र उसी दिन राजधानी वेलिंगटन में राजकीय सम्मान के साथ प्रार्थना सभा का आयोजन करेगा। अर्डर्न ने कहा कि एलिजाबेथ एक असाधारण व्यक्तित्व थीं और न्यूजीलैंड के कई लोग उनके निधन पर शोक में शामिल होना चाहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘न्यूजीलैंड की महारानी और 70 से अधिक वर्षों से बहुचर्चित शासक रहने के बाद उनके निधन पर यह उचित होगा कि उनके सम्मान में श्रद्धांजलि सभा अयोजित करें और सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करें।” अर्डर्न ने कहा कि वह इस सप्ताह एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ब्रिटेन रवाना होंगी। एपी


महारानी को श्रद्धांजलि देने के इच्छुक लोगों के लिए नए नियम जारी

लंदन, 12 सितंबर (एपी) लंदन में संसद के सदन में रखे गए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पार्थिव शरीर के दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के इच्छुक लोगों के लिए सरकार ने नियम जारी किए हैं। महारानी का पर्थिव शरीर पूरे राजकीय सम्मान के साथ बुधवार सुबह साढ़े छह बजे (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह साढ़े पांच बजे) से 19 सितंबर को शाम पांच बजे (स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे) तक वेस्टमिंस्टर पैलेस में रखा जाएगा। इस दौरान हजारों लोगों के उन्हें श्रद्धांजलि देने की उम्मीद है। रविवार को जब महारानी के ताबूत को बाल्मोरल कैसल से एडिनबर्ग ले जाया जा रहा था तब उनकी अंतिम यात्रा के साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में लोग सड़कों और पुलों पर एकत्रित हो गए थे, जिसके बाद नए नियमों को सार्वजनिक किया गया। डिजिटल, सांस्कृतिक, मीडिया एवं खेल मामलों के विभाग ने अपने दिशानिर्देश में कहा, ‘‘अगर महारानी के अंतिम दर्शन करना चाहते हैं, तो कृपया ध्यान दें कि इसके लिए कतार लगेगी, कतार काफी लंबी होने की उम्मीद है। संभवतः रात भर आपको कई घंटों तक खड़े रहने पड़ सकता है ।” मंत्रालय ने चेतावनी दी, ‘‘भीड़ अधिक रहने की उम्मीद है और सार्वजनिक परिवहन एवं क्षेत्र के आसपास सड़क बंद होने से देरी होने की संभावना है।” आगंतुकों को हवाईअड्डे जैसी सुरक्षा जांच से गुजरना होगा और वे अपने साथ सिर्फ एक छोटा बैग ला सकते हैं। विशेष केन्द्र में बड़े बैग रखे जा सकते हैं, लेकिन यह केवल तभी संभव होगा जब वहां जगह उपलब्ध होगी। एपी सुरभि मनीषा शोभना

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