–कैबिनेट का निर्णय
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम गति शक्ति योजना को लागू करने के लिए रेलवे की भूमि को दीर्घकालिक पट्टे पर देने के प्रस्ताव को बुधवार को अनुमति दे दी। इसके तहत अगले पांच वर्ष में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को अनुमति दी गई। इसके तहत माल संबंधी गतिविधियों, जन उपयोगिताओं और रेलवे के विशेष इस्तेमाल जैसे कार्यों में रेलवे की भूमि को दीर्घकालिक पट्टे पर देने की नीति को अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि रेलवे को इससे ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा और लगभग 1.2 लाख नौकरियों की सृजन क्षमता पैदा होगी। ठाकुर ने कहा कि इसके तहत 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल अगले पांच वर्ष में विकसित किए जाएंगे। एक सरकारी बयान के अनुसार, इससे बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति, दूरसंचार केबल, जलमल निपटान, नालियां, ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी), पाइपलाइन, सड़क, फ्लाईओवर, बस टर्मिनल, क्षेत्रीय रेल परिवहन, शहरी परिवहन जैसी जन उपयोगिताओं के एकीकृत तरीके से विकास में मदद मिलेगी। बयान के अनुसार, इसका कोई अतिरिक्त खर्च नहीं होगा। भूमि पट्टे पर देने की नीति को उदार बनाने से सभी हितधारकों/सेवा प्रदाताओं/ऑपरेटरों के लिए ज्यादा कार्गो संबंधी सुविधाएं स्थापित करने के रास्ते खुलेंगे। इससे रेलवे के लिए अतिरिक्त कार्गो यातायात एवं माल ढुलाई राजस्व पैदा करने में उनकी भागीदारी की राह भी बनेगी। इसमें कहा गया है कि ये नीति भूमि के प्रति वर्ष बाजार मूल्य के 1.5 प्रतिशत की दर से 35 वर्ष तक की अवधि के लिए, कार्गो से संबंधित गतिविधियों हेतु रेलवे की भूमि को लंबी अवधि के पट्टे पर प्रदान करने का प्रावधान करती है।
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पीएम-श्री स्कूल योजना पर मुहर
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके तहत देश भर में 14,597 स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित व उन्नत किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि पीएम-श्री स्कूल योजना को 2022-2027 तक पांच वर्षों की अवधि में लागू किया जाएगा। इस पर 27,360 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 18,128 करोड़ रुपए होगी। इससे 18 लाख छात्रों को फायदा होगा।
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भारत, यूएई के बीच एमओयू
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच वर्तमान शैक्षणिक सहयोग को और मजबूत करने एवं उसका दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दोनों देशों के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच वर्तमान शैक्षणिक सहयोग को और मजबूत करना एवं उसका दायरा बढ़ाना है।
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