हिजाब विवाद, सुप्रीम कोर्ट बोला- अटपटे तर्कों के साथ किसी निर्णय तक नहीं ले जा सकते

–कर्नाटक हिजाब विवाद : याचिकाकर्ता की दलील पर बड़ी टिप्पणी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच हिजाब बैन से जुड़े मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ दाखिल की गईं अलग-अलग याचिका की सुनवाई कर रही है। ये केस कर्नाटक में स्कूली यूनिफॉर्म के साथ सिर पर पहने जाने वाले हिजाब पर पाबंदी से जुड़ा हुआ है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि सेक्युलर देश में स्कूलों में हिजाब पर बैन क्यों? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेक्युलर शब्द मूल संविधान में ही नहीं है।

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील पेश करते हुए इसे ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का हिस्सा बताया तो जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने भी सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि आप इसे अतार्किक अंत तक नहीं ले जा सकते। पोशाक के अधिकार में कपड़े पहनने का अधिकार भी शामिल होगा? जस्टिस गुप्ता ने पूछा कि अगर कोई सलवार कमीज पहनना चाहता है या लड़के धोती पहनना चाहते हैं, तो क्या इसकी भी अनुमति दे दी जाए? अभी आप राइट टू ड्रेस की बात कर रहे हैं, तो बाद में आप राइट टू अनड्रेस की बात भी करेंगे, ये जटिल सवाल है। इस मामले पर कुल 24 याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। कर्नाटक हाईकोर्ट में हिजाब बैन को चुनौती देने वाली 6 मुस्लिम छात्राओं ने भी याचिका दाखिल की है।

रुद्राक्ष, यज्ञोपवीत, कलावा पर भी चर्चा

वकील देवदत्त कामत ने कहा कि इस मामले में स्कूल कमेटी को निर्णय लेने दिया जाय, लेकिन सरकार ऐसे आदेश जारी कर एक खास समुदाय को टारगेट कर रही है। अगर कोई संध्या वंदन, रुद्राक्ष, यज्ञोपवीत, कलावा पहन कर स्कूल जाता है तो किसे आपत्ति है? जस्टिस गुप्ता ने कहा कि रुद्राक्ष, यज्ञोपवीत आदि बाहर से नहीं दिखते। यूनिफॉर्म पर कोई असर नहीं दिखता है। जस्टिस गुप्ता ने कहा कि हम इस मुद्दे को अटपटे तर्कों के साथ किसी निर्णय तक नहीं ले जा सकतेञ


कर्नाटक हिजाब बैन मामले का परीक्षण को तैयार

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कर्नाटक हिजाब बैन मामले का परीक्षण करने को तैयार हैं। कोर्ट ने इस पर कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।

सुनवाई टालने की मांग पर जज नाराज

इससे पहले हिजाब बैन पर सुनवाई टालने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट के जज नाराज हो गए। मुस्लिम याचिकाकर्ताओं के वकीलों से जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि ये फोरम शॉपिंग नहीं चलेगा। पहले आप लगातार जल्द सुनवाई की मांग करते रहे, अब सुनवाई टालने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने दो हफ्ते बाद सुनवाई की मांग भी ठुकरा दी।

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