नई दिल्ली। भारत बायोटेक को इंट्रानैसल कोविड-19 नेजल वैक्सीन के लिए डीसीजीआई से इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है। भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का नाम बीबीवी-154 है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि ये कोरोना के लिए भारत का पहला नाक का टीका होगा। मनसुख मंडाविया ने कहा कि नियामक ने 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के प्राथमिक टीकाकरण के लिए आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए टीके को मंजूरी दी है।
नेजल वैक्सीन क्या है?
इसमें वैक्सीन की खुराक नाक के माध्यम से दी जाती है, न कि मौखिक रूप से या हाथ के माध्यम से। वैक्सीन को या तो एक विशिष्ट नाक स्प्रे के जरिए या एरोसोल डिलीवरी के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है। मतलब वैक्सीन लेने वाले की बांह पर टीका नहीं लगाया जाता।
4 हजार लोगों पर हुआ ट्रायल
बता दें कि हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन का 4 हजार वॉलिंटियर्स पर क्लीनिकल ट्रायल किया है। इनमें से किसी पर इसका कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। अगस्त महीने में तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के बाद साफ हो गया था कि बीबीवी-154 वैक्सीन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है।
–
कोविड के खिलाफ बड़ा बूस्ट : मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा कि, कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को बड़ा बूस्ट मिला है। भारत बायोटेक के चिंपांजी एडेनोवायरस वेक्टरेड रीकॉम्बिनेंट नेजल वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के उपयोग के लिए अनुमति दी गई है।

