—पाक के खिलाफ मैच में 36 साल पहले चेतन शर्मा थे और अब अर्शदीप सिंह
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–भारतीय तेज गेंदबाज सोशल मीडिया पर हुए ट्रोल
—-विकीपीडिया पेज को हैक कर लिख दिया खालिस्तानी
नई दिल्ली। कैच पकड़ना और छोड़ना क्रिकेट मैच का हिस्सा है। बड़े-बड़े खिलाड़ियों से भी मैच के अहम अवसरों पर कैच छूटे हैं। ऐसा ही कुछ रविवार को पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान भारतीय तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह से हो गया, जिसके लिए उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। सिख खिलाड़ी अर्शदीप सिंह को खालिस्तानी बताने की साजिश शुरू हो गई। हालांकि ट्रोलिंग के इस डर्टी गेम के पीछे पाकिस्तानी साजिश सामने आ रही है।
भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप के ‘सुपर फोर’ मुकाबले में महत्वपूर्ण कैच लपकने से चूक गए। आसिफ अली ने हवा में शॉट खेला और अर्शदीप ने कैच छोड़ दिया जबकि वैसे वह 11 में 10 बार इसे पकड़ लेते। टीम के सभी साथी काफी निराश हो गए। रविवार की रात सोशल मीडिया पर अर्शदीप के कैच छूटने पर जो प्रतिक्रिया थी, उसे भी हल्के में नहीं लिया जा सकता और इसमें दिखायी गई घृणा को बयां नहीं किया जा सकता। यहां तक कि उन्हें ‘खालिस्तानी’ करार कर दिया गया। कुछ खेल प्रेमियों ने तो उनके ‘विकीपीडिया पेज’ को हैक करके संपादित कर दिया। इसमें आपत्तिजनक शब्द ‘खालिस्तानी’ उनके नाम में जोड़ दिया। हैकर ने अर्शदीप का नाम मेजर अर्शदीप सिंह लांगड़ा और फिर मेजर अर्शदीप सिंह बाजवा कर दिया, लेकिन फिर इन्हें सही करके विकीपीडिया पेज को मूल रूप में कर दिया गया और जहां तक भारत सरकार का संबंध है तो इस पर संज्ञान लिया गया। भारत के कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस मामले का संज्ञान लिया और ट्वीट किया, भारत में परिचालन कर रहे किसी भी मध्यस्थ को इस तरह की गलत सूचना देने और नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयासों की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह हमारी सरकार की सुरक्षित और विश्वस्त इंटरनेट की उम्मीदों का उल्लंघन करता है।
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यह भूल गए लोग
लोग भूल गए कि कैच छूटने के कुछ ही मिनट बाद अर्शदीप अंतिम ओवर डालने आए और उन्होंने शानदार जज्बा दिखाकर उसी आसिफ को पगबाधा आउट किया। वे भूल गए कि टी20 मैच में अंतिम ओवर में केवल सात रन का ही बचाव करना था जिन्हें बनाना काफी आसान था। वे भूल गये कि हार्दिक पंड्या, युजवेंद्र चहल और भुवनेश्वर कुमार के लिये भी दिन अच्छा नहीं रहा था।
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36 साल बाद फिर वही वाकया
36 साल पहले कुछ ऐसा ही वाकया चेतन शर्मा के साथ हुआ था, जब उनकी गेंद यॉर्कर के बजाय फुलटॉस होकर छक्के के लिए चली गयी थी। चेतन ने तब जावेद मियांदाद को यॉर्कर डालने का प्रयास किया था जिन्हें तब ‘शारजाह का महाराजा’ कहा जाता था, लेकिन यह फुल टॉस हो गयी। दूरदर्शन के उन दिनों में इसमें सिर्फ सामान्य कवरेज होती थी और अब ही ऐसा है कि शारजाह स्टेडियम में इंडियन प्रीमियर लीग मैच देख पाते हैं। हमें पता है कि यह छोटा मैदान है जहां छक्के आराम से लगाए जा सकते हैं। 1986 में आस्ट्रालेशिया कप फाइनल में चेतन के लिये एक गेंद काफी खराब रही जिसमें वह लेंथ से चूक गये। और अब 2022 में ऐसा हो गया।
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केंद्र ने विकीपीडिया पर जताई नाराजगी
इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने क्रिकेटर अर्शदीप सिंह के मामले में विकिपीडिया पर नाराज़गी जताई। चंद्रशेखर ने विकिपीडिया का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ट्विटर पर कहा, किसी भी इंटरमीडियरी प्लेटफ़ॉर्म को जान-बूझ कर इस तरह की भ्रामक सूचनाएं फैलाने, भावनाएं भड़काने और किसी को नुक़सान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
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अर्शदीप के बचाव में आए खिलाड़ी और राजनेता
क्रिकेटर विराट कोहली और राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह समेत पंजाब के कई नेताओं ने सोमवार को तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह का बचाव किया। आप सांसद राघव चड्ढा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पंजाब के खेलमंत्री गुरमीत सिंह मीत और भाजपा नेता मनजिंदर सिरसा ने भी 23 वर्ष के इस क्रिकेटर का बचाव किया है। पूर्व क्रिकेटर और आप सांसद हरभजन ने ट्वीट किया, युवा अर्शदीप सिंह की आलोचना बंद करो।
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मप्र में जन्म, पंजाब से खेला मैच
23 साल के अर्शदीप सिंह का जन्म 5 फरवरी 1999 को मध्य प्रदेश के गुना में हुआ था। 6 फीट 3 इंच लंबे अर्शदीप ने 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब के लिए अपनी लिस्ट ए की शुरुआत की थी। इससे पहले 2018 अंडर-19 वर्ल्ड कप के लिए भी चुना गया था। अर्शदीप को जून 2021 में श्रीलंका दौरे के लिए पांच नेट बॉलर्स में रखा गया था। मई 2022 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए भारत की टी20 टीम में भी चुना गया था। फिर जून 2022 में इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में शामिल किया गया था।
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