वैश्विक हालात के लिहाज से शुभ संकेत
नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था की तस्वीर दिखाने वाला आंकड़ा आ गया है। देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 13.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडपी) की वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी। कई विश्लेषकों ने तुलनात्मक आधार को देखते हुए देश की आर्थिक वृद्धि दर दहाई अंक में रहने का अनुमान जताया था। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13 प्रतिशत जबकि भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में इसके 15.7 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर करीब 16.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। चीन की वृद्धि दर 2022 की अप्रैल-जून तिमाही में 0.4 प्रतिशत रही है।
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भारतीय बाजारों में बढ़ेगा निवेश
जब दुनियाभर में बाजारों में मंदी का संकट मंडरा रहा है तो भारत का डबल डिजिट में ग्रोथ दर्ज करना वाकई शानदार है। यह विदेशी निवेशकों में भारत की धाक को मजबूत करेगा। वे भारतीय बाजारों में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगे। इस बात का पहले से ही अनुमान था कि अर्थव्यवस्था के लिए इस तरह के शानदार आंकड़े आएंगे।
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तेज आर्थिक विकास जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने मंगलवार को इस संदर्भ में एक अहम अनुमान जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2047 तक 20,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, बशर्ते कि अगले 25 वर्षों में औसत वार्षिक विकास 7-7.5 फीसदी हो। इस समय भारत 2700 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
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आरबीआई के अनुमान से कम
एक पहलू यह भी है कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमानों से यह कम है। केंद्रीय बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ करीब 16.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में भी इसके 15.7 फीसदी रहने की संभावना जताई गई थी। इसका मतलब है कि इकनॉमिस्ट्स के अनुमानों से यह कम रही है। ऐसे में कह सकते हैं कि 13.5 फीसदी ग्रोथ अच्छी है। लेकिन, इस पर जश्न नहीं मनाया जा सकता है।
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कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस ने कहा कि आंकड़ों में उछाल आ सकता है जिससे सुर्खियां बनेंगी, लेकिन वास्तविक विकास दर 2018 की तुलना में भी कम है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि आर्थिक विकास दर को कोविड से पहले ‘नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पैदा की गई आर्थिक सुस्ती’ (मोदी स्लोडाउन) से पार पाने में अभी लंबा समय तय करना होगा। सुर्खियां बटोरेने वाले ये आंकड़े पहले कम रही विकास दर की वजह से ज्यादा होंगे।
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