मनीष तिवारी, थरूर, कार्ति ने की पारदर्शिता की मांग… अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस में हलचल, चुनाव प्रक्रिया पर उठाए सवाल

नई दिल्ली। लंबे अरसे बाद एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 17 अक्टूबर को इसके लिए चुनाव होगा। अब कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने मतदान करने वाले प्रतिनिधियों की सूची सार्वजनिक करने की मांग की है। इससे पहले आनंद शर्मा भी सीडब्ल्यूसी की बैठक में मतदाता सूची पर सवाल उठा चुके हैं।


कांग्रेस सांसदों मनीष तिवारी, शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ी निर्वाचक मंडल (डेलीगेट) की सूची सार्वजनिक नहीं किए जाने पर वस्तुत: सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव से संबंधित पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। तिवारी ने कहा कि निर्वाचक मंडल की सूची पार्टी की वेबसाइट पर डाली जाए। दूसरी तरफ, मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़ी पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और कांग्रेस के संविधान के मुताबिक है। निर्वाचक मंडल की सूची को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन उम्मीदवारों को यह उपलब्ध करा दी जाएगी।

लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, मधुसूदन मिस्त्री जी से पूरे सम्मान से पूछना चाहता हूं कि निर्वाचन सूची के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हुए बिना निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कैसे हो सकता है? निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव का आधार यही है कि प्रतिनिधियों के नाम और पते कांग्रेस पार्टी की वेबसाइट पर पारदर्शी तरीके से प्रकाशित होने चाहिए। कांग्रेस के ‘जी 23′ समूह में शामिल रहे तिवारी ने कहा, यह 28 प्रदेश कांग्रेस कमेटी और आठ क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का चुनाव नहीं है। कोई क्यों पीसीसी के कार्यालय जाकर पता करे कि प्रतिनिधि कौन हैं? सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि ऐसा क्लब के चुनाव में भी नहीं होता। उन्होंने कहा, मैं आपसे (मिस्त्री से) आग्रह करता हूं कि निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये सूची प्रकाशित की जाए। तिवारी ने कहा कि अगर कोई चुनाव लड़ना चाहता है और यह नहीं जानता कि प्रतिनिधि कौन हैं तो वह नामांकन कैसे करेगा क्योंकि उसे 10 कांग्रेस प्रतिनिधियों की बतौर प्रस्तावक जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि 10 प्रस्तावक नहीं होंगे तो नामांकन खारिज हो जाएगा।

तिवारी ने उठाए ये सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए करीब 9 हजार मतदाता हैं। तिवारी ने पूछा है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए क्या राज्यों में भटकना होगा? तिवारी के यह आशंका भी जताई है कि अध्यक्ष पद के चुनाव में किसी उम्मीदवार का पर्चा इस बहाने से रद्द किया का सकता है कि प्रस्तावक मतदाता ही नहीं है। अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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तिवारी के साथ आए थरूर

उधर, कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के बारे में विचार कर रहे पार्टी सांसद शशि शरूर ने तिवारी से सहमति जताई। उन्होंने कहा कि हर किसी को पता होना चाहिए कि कौन मतदान कर सकता है। उन्होंने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि निर्वाचन सूची को लेकर पारदर्शिता होनी चाहिए। अगर मनीष ने इसके लिए पूछा है तो मुझे भरोसा है कि हर कोई इससे सहमत होगा। हर किसी को जानना चाहिए कि कौन नामित कर सकता है और कौन मतदान कर सकता है।

कार्ति बोले- पारदर्शिता हो

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी तिवारी की राय का समर्थन किया और कहा कि हर चुनाव के लिए अच्छी तरह से परिभाषित निर्वाचक मंडल होना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, हर चुनाव में सही ढंग से परिभाषित और स्पष्ट निर्वाचक मंडल होना चाहिए। निर्वाचक मंडल तय करने की प्रक्रिया भी स्पष्ट, सही ढंग से परिभाषित और पारदर्शी होनी चाहिए। अनौपचारिक निर्वाचक मंडल कोई निर्वाचक मंडल नहीं होता।

ऐसा है चुनाव कार्यक्रम

कांग्रेस की ओर से घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, 22 सितंबर को पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की अधिसूचना जारी होगी, 24 सितंबर से नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं और यदि एक से अधिक उम्मीदवार हुए तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा।

मिस्त्री बोले–निर्वाचन सूची सार्वजनिक नहीं की जा सकती

इधर, कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने बुधवार को कहा कि पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़ी पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और कांग्रेस के संविधान के मुताबिक है। निर्वाचक मंडल (डेलीगेट) की सूची को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन उम्मीदवारों को यह उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि प्रक्रिया से जुड़े विषय पर उनकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से बात हुई है और आगे वह मनीष तिवारी से भी इसको लेकर बात करेंगे।

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