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नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ने के बाद एक बार फिर से कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में अच्छे व्यक्ति हैं, लेकिन उनमें राजनीतिक कौशल की कमी है और सियासत में एंट्री के बाद से ही कांग्रेस की यह स्थिति हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि आज के दौर में तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी का भी कोई मतलब नहीं रह गया है। इधर, कांग्रेस ने आजाद पर पलटवार करते हुए कहा कि आज़ाद को जहां उन्हें सब कुछ मिला, उन्हें उसी पार्टी को बदनाम करने का काम सौंपा गया है।
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कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को अपने पुराने दल और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ‘बीमार’ कांग्रेस को दुआ नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज ‘कम्पाउडर कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी उन्होंने पलटवार किया और राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह मोदी के साथ मिले या नहीं? उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की नींव कमजोर हो गई है और वह कभी भी बिखर सकती है। आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है। उन्होंने राहुल गांधी पर ‘अपरिपक्व और बचकाने’ व्यवहार का आरोप भी लगाया था। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उन पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया था और कहा था कि उनका ‘डीनएनए मोदी-मय’ हो गया है।
आजाद ने सोमवार को कहा कि ‘जी 23′ की ओर से अगस्त, 2020 में पत्र लिखे जाने के कारण वह कांग्रेस नेतृत्व और उसके करीबी लोगों की आंखों खटकने लगे। उन्होंने कहा, मोदी-वोदी सब बहाना है। इनकी आंखों में हम खटकते हैं क्योंकि हमने पत्र लिखा। इनको लगता है कि इन्हें कोई चुनौती नहीं दे सकता…पत्र लिखने के बाद से मैं इन्हें खटक रहा था। ‘डीएनए मोदी-मय’ होने के कांग्रेस के आरोप को लेकर आजाद ने राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, नरेंद्र मोदी से वह लोग मिले हुए हैं जो उनका सपना पूरा करने में उनकी मदद कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ कहा था। इसमें जो लोग उनकी मदद कर रहे हैं वह नरेंद्र मोदी से मिले हुए हैं। जो संसद में भाषण देकर उनसे गले मिलते हैं और कहते हैं हमारा दिल साफ है, वह मिले हैं कि नहीं?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, पहले वह अपने डीएनए की जांच कराएं। वह तो पहले फ्रीलांसर थे। वह बताएं कि पहले किस सरकार के कर्मचारी थे। वह हमारी पार्टी में नहीं थे। पहले वह अपनी जांच कराएं कि उनका डीएनए किस पार्टी का हैं। आजाद ने कहा, सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि जो बाहरी हैं, जो चापलूसी करते हैं, उन्हें पद मिले हैं। कांग्रेस को ‘बीमार’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो दुआ ही कर सकता हूं। मेरी दुआ से तो कांग्रेस ठीक नहीं हो सकती। उसके लिए दवा चाहिए। उसके लिए जो डॉक्टर हैं वह असल में डॉक्टर नहीं बल्कि कम्पाउडर हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, जब चुनाव होता है, उसके लिए सदस्यता अभियान होता है। यह पुराने समय से चला आ रहा है..अब क्या हो रहा है कि वोटर लिस्ट से लोगों के नाम लिए जाते हैं और उनके पैसे भर दिए जाते हैं। यह नकली सदस्यता अभियान है। उन्होंने कहा, अगर कागज की इमारत बनाओगे तो वह हवा से गिर जाएगी या आग से जल जाएगी। ऐसे चुनाव करने से क्या फायदा होगा, यह सब फर्जी है।
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बैंक लुट गया तो महाप्रबंधक बदलने से क्या होगा?
आजाद ने तंज कसते हुए कहा, बैंक लुट गया तो महाप्रबंधक बदलने से क्या होगा? कांग्रेस की हालत यह है कि पार्टी के भीतर कांग्रेसजन कोई है नहीं, सब दूसरे दलों में भाग गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव और कई अन्य युवा नेताओं के कांग्रेस छोड़ने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, सबसे ज्यादा ‘राहुल टीम’ के लोग भागे हैं। हम तो इंदिरा गांधी के टीम से हैं।
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मोदी की तारीफ में गढ़े कसीदे
राज्यसभा में उनकी विदाई के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के भावुक होने को लेकर कई कांग्रेस नेताओं के कटाक्ष को लेकर भी आजाद ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, मैं तो मोदी जी को निर्मम आदमी समझता था। सोचता था कि उन्होंने शादी नहीं की और उनके बच्चे नहीं हैं तो उन्हें कोई परवाह नहीं है। लेकिन कम से कम उन्होंने इंसानियत तो दिखाई। आजाद के अनुसार, राज्यसभा में मोदी और उन्होंने आंसू एक दूसरे के लिए नहीं, बल्कि कई वर्ष पूर्व जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी घटना से जुड़े विषय को लेकर बहाए थे।
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तीन और कांग्रेस नेताओं का इस्तीफा
कठुआ/जम्मू। जम्मू कश्मीर विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष गुलाम हैदर मलिक समेत कांग्रेस के तीन और नेताओं ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के समर्थन में सोमवार को पार्टी से अपने इस्तीफे की घोषणा की। कठुआ की बानी विधानसभा से पूर्व विधायक मलिक और दो पूर्व विधान परिषद सदस्य सुभाष गुप्ता तथा शाम लाल भगत ने पार्टी आलाकमान को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं। आजाद के करीबी सहयोगी और पूर्व मंत्री जी एम सरूरी ने कहा, हमें मलिक, गुप्ता और भगत से पत्र (समर्थन के) मिले हैं। एक सूत्र ने बताया कि पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्रियों अब्दुल मजीद वानी, मनोहर लाल शर्मा और घारू राम तथा पूर्व विधायक बलवान सिंह ने भी दिल्ली में आजाद से मुलाकात की और वे मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफे के बाद उनके प्रति समर्थन की घोषणा कर सकते हैं।
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कांग्रेस बोली-बदनाम करने का काम सौंपा गया
कांग्रेस ने अपने पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद की ओर से किए गए प्रहार पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि आजाद को उसे बदनाम करने का काम सौंपा गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि आजाद हर मिनट अपने ‘विश्वासघात’ को सही क्यों ठहरा रहे हैं? रमेश ने ट्वीट किया, आज़ाद वर्षों तक जिस पार्टी में रहे, जहां उन्हें सब कुछ मिला, उन्हें उसी पार्टी को बदनाम करने का काम सौंपा गया है। यह उनके स्तर को और गिरा रहा है।’उन्होंने आजाद पर निशाना साधते हुए सवाल किया, आखिर क्यों हर मिनट वह अपने विश्वासघात को सही ठहरा रहे हैं? उन्हें आसानी से बेनकाब किया जा सकता है, लेकिन हम अपना स्तर क्यों गिराएं?
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