‘यंग कपल को बच्चा गोद लेने नहीं कराया जा सकता इंतजार’

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा- गोद लेने की प्रक्रिया को बनाएं आसान

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यंग कपल को बच्चा गोद लेने के लिए 3-4 साल का इंतजार नहीं कराया जा सकता है। शीर्ष अदालत के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी यंग कपल बच्चे को गोद लेने के लिए 3-4 साल तक इंतजार करना सही नहीं है ऐसे में गोद लेने की प्रक्रिया को भारत में सही करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट में सोसायटी, द टेंपल ऑफ हिलिंग की ओर से अर्जी दाखिल कर गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने की गुहार लगाई है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान भारत सरकार के अडिशनल सॉलिसटिर जनरल केएम नटराज से कहा कि यह पिटिशन सही लगता है क्या कि लोग गोद लेने के लिए 3-4 साल तक इंतजार कर रहे हैं। अगर कपल को इतना इंतजार करना पडे़गा तो लाखों बच्चों के गोद लेने की प्रक्रिया पेंडिंग रहेगी। आपको ए़़डॉप्शन प्रक्रिया को तेज करने के लिए कदम उठाने होंगे। लोग सालों इतंजार कर रहे हैं और यह बहुत बड़ा इंतजार है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि वह याचिकाकर्ता के साथ मीटिंग करें।

केंद्र को दें सुझाव

अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वह अपने सुझाव केंद्र सरकार को दे और मीटिंग तीन हफ्ते में किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका अनुच्छेद-32 के तहत डाली गई है और इसमें कहा गया है कि गोद लेने की प्रक्रिया में काफी देरी है और कई खामियां हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रक्रिया आसान बनाया जाना चाहिए। चूंकि याचिकाकर्ता के पास कुछ ठोस सुझाव हैं ऐसे में हम महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधिकारी से आग्रह करते हैं कि वह याचिकाकर्ता से मीटिंग करें और उनके सुझाव पर गौर करें। यह कार्रवाई 3 हफ्ते में पूरी की जाए और फिर केंद्र सरकार रेकॉर्ड पर यह बात रखे कि उसने गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाने केलिए क्या कदम उठाए हैं।

ये है याचिका

याचिकाकर्ता की ओर से पियूष सक्सेना ने अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई है कि गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस बाबत केंद्र सरकार के महिला व बाल विकास मंत्रालय को कई रिप्रजेंटेशन दिया गया कि गोद लेने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। अर्जी में कहा गया है कि जो डाटा उपलब्ध है उसके तहत सिर्फ चार हजार बच्चों का एडॉप्शन हो पाता है। कई दंपत्ति ऐसे हैं जो बच्चे को गोद लेना चाहते हैं। पिछले साल कोविड के दौरान सरकार ने स्कीम में कुछ ढिलाई की थी उस ढिलाई को जारी रखना चाहिए।

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