सीजेआई रमन्ना ने कार्यकाल के अंतिम दिन दिए अहम फैसले, नए चीफ जस्टिस यू यू ललित आज शपथ लेंगे
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने 5 अहम मामलों पर फैसला सुनाया। सीजेआई के कार्यकाल का आज अंतिम दिन रहा। सीजेआई की बेच ने मुफ्त रेवड़ी कल्चर, 2007 गोरखपुर दंगे, कर्नाटक माइनिंग, राजस्थान माइनिंग लीजिंग और बैंकरप्सी केस में फैसला सुनाया। कोर्ट ने आगे कहा कि रेवड़ी कल्चर मामले में एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन सही होगा, लेकिन उससे पहले कई सवालों पर विचार करना भी जरूरी है। इस मामले की अगली सुनवाई अब दो हफ्ते बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस यू यू ललित आज शपथ लेंगे।
रेवड़ी कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग और केंद्र सरकार दोनों ने अपना पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने बिना राज्य की आर्थिक स्थिति का आकलन किए हुए मुफ्त घोषणा किए जाने का मसला उठाया है। याचिका में कहा गया है कि इससे चुनाव प्रक्रिया बाधित होती है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन. वी. रमन्ना ने कहा कि चुनाव आयोग और सरकार ने अपना पक्ष रखा है। दलीलों में कहा गया कि लोकतंत्र में असल ताकत मतदाता के पास है। मुफ्त सुविधाओं की घोषणा ऐसी स्थिति पैदा कर सकती है कि राज्य की आर्थिक सेहत बिगड़ जाए। कोर्ट के सामने सवाल ये है कि वो इस तरह के मामलों में किस हद तक दखल दे सकता है। कोर्ट ने विचार के लिए मामला तीन जजों की बेंच को भेजा है।
पेंडिंग मामलों पर ध्यान नहीं दे पाने का खेद : सीजेआई
सेवानिवृत्ति से पूर्व सीजेआई एनवी रमन्ना ने लंबित मामलों को एक ‘बड़ी चुनौती’ बताते हुए उन्हें निपटाने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाने पर खेद व्यक्त किया है। न्यायमूर्ति रमना ने कहा, “हालांकि हमने कुछ मॉड्यूल विकसित करने की कोशिश की, लेकिन अनुकूलता और सुरक्षा मुद्दों के कारण, हम ज्यादा प्रगति नहीं कर सके। सीजेआई ने कहा कि समाधान खोजने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी और आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को तैनात करने की आवश्यकता है।
इन केसों पर सुनाया फैसला……….
कर्नाटक के 3 जिलों में लौह अयस्क उत्पादन सीमा बढ़ाई
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 3 जिलों में लौह अयस्क उत्पादन सीमा बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने चित्रदुर्ग और तुमकुरु जिलों के लिए वार्षिक लौह अयस्क उत्पादन सीमा 7 एमएमटी से बढ़ाकर 15 एमएमटी कर दी। वहीं, बेल्लारी के लिए लिमिट 28 एमएमटी से 35 एमएमटी कर दी।
मुफ्त सुविधाओं पर अब दो सप्ताह बाद सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में मुफ्त सुविधाओं के वादे के मामले को 3 जजों की बेंच के पास पुर्नविचार के लिए भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मसले पर विशेषज्ञ कमेटी का गठन सही होगा, लेकिन उससे पहले कई सवालों पर विचार जरूरी है। 2013 के सुब्रमण्यम बालाजी फैसले की समीक्षा भी जरूरी है। इस मामले में 2 हफ्ते बाद सुनवाई होगी।
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को दी राहत
फोटो योगी की …………
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा चलाने की अनुमति देने से मना कर दिया। राज्य सरकार ने मई 2017 में इस आधार पर अनुमति से मना कर दिया था कि मुकदमे में सबूत नाकाफी हैं। 2018 में इलाहाबाद हाई कोर्ट भी इसे सही ठहरा चुका है।
‘जूनियर का मार्गदर्शन करें वरिष्ठ वकील : सीजेआई
जूनियर वकीलों पर अपनी राय देते हुए चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा कि पेशे में प्रवेश करने वाले जूनियर वरिष्ठ वकीलों को अपने आदर्श के रूप में देखते हैं। उन्होंने सभी वरिष्ठों से अनुरोध किया कि वे जूनियर वकीलों को सही रास्ते पर चलने के लिए मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि जब तक संस्था की विश्वसनीयता की रक्षा नहीं की जाती है, इस न्यायालय के अधिकारी होने के नाते, लोगों और समाज से सम्मान प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
अटार्नी जनरल ने की सीजेआई की तारीफ
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सीजेआई के कार्यों की तारीफ करते हुए उनकी उपलब्धियों को ‘उल्लेखनीय’ करार दिया और कहा कि रिक्तियां उनके कार्यकाल के दौरान भरी गईं और पहली बार शीर्ष अदालत में 34 न्यायाधीशों की पूरी ताकत थी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में 224 और न्यायाधिकरण में 100 से अधिक सदस्यों को प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
ये है याचिकाकर्ता की दलील
पिछली सुनवाइयों के दौरान याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा था कि सभी पार्टियों को सत्ता चाहिए, ऐसे में वो सब कुछ मुफ्त देने का वादा कर देती हैं। अगर ऐसे ही हालात रहे तो देश एक दिन दिवालिया हो जाएगा। इस पर सिंघवी ने कहा कि कोई कमेटी ये कैसे तय कर सकती है कि फ्री क्या है और क्या नहीं? अनुच्छेद 19 (2) के तहत सभी को बोलने की आजादी है। कोर्ट को इस मुद्दे को सुनना ही नहीं चाहिए था।
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लखमा की सेहत बिगड़ी
कोंडागांव। बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा की सेहत अचानक बिगड़ गई। वे शुक्रवार को बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने कोंडागांव आए थे। बैठक शुरू होते ही जब उन्हें ठीक नहीं लगा, तो बैठक छोड़ स्थानीय सर्किट हाउस चले गए। वहां दवा लेकर कुछ देर आराम किया। इसके बाद शाम 6 बजे के करीब वो अपनी कार से रायपुर रवाना हो गए। उनके साथ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम एंबुलेंस लेकर रवाना हुई है।
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