एसपीजी में शामिल होंगे देसी ब्रीड के डॉग
बेंगलुरु। देश में प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था सबसे अधिक मजबूत होती है। पीएम को एसपीजी के जवान 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करते हैं। पीएम की सुरक्षा में सेना और पुलिस के जवानों के साथ-साथ ट्रेंड डॉग्स भी शमिल किए जाते हैं। अब प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम में देसी नस्ल के डॉग ‘मुधोल हाउंड’ को शामिल किया गया है। मुधोल हाउंड पहले से भारतीय वायु सेना और अन्य सरकारी विभागों में सेवा कर रहा है। एसपीजी ने कर्नाटक से कुत्ते की स्वदेशी नस्ल ‘मुधोल हाउंड’ को प्रशिक्षण देने के लिए चुना है। इससे इसके विशिष्ट बल में शामिल होने की संभावना बढ़ गयी है। एसपीजी ने मुधोल हाउंड में दिलचस्पी दिखायी है और बगलकोट जिले के मुधोल शहर में श्वान अनुसंधान एवं सूचना केंद्र (सीआरआईसी) से एक प्रयोग के तौर पर प्रशिक्षण के लिए दो कुत्तों को चुना है। सीआरआईसी के निदेशक सुशांत हांडे ने बताया, हमें नहीं मालूम कि उनकी (एसपीजी) आवश्यकताएं क्या हैं लेकिन वे प्रदर्शन से खुश हैं। यह पहली बार नहीं है जब सुरक्षा एजेंसियां इस नस्ल से प्रभावित हुई हैं। भारतीय सेना, वायु सेना, केंद्रीय सशस्त्र अर्द्धसैन्य बल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), राज्य पुलिस तथा वन विभाग पहले भी कुछ वक्त के लिए इन कुत्तों की सेवाएं ले चुका है। हांडे ने कहा, अभी तक मिली प्रतिक्रिया बहुत अच्छी है। यह नस्ल भारतीय सेना में परीक्षण पास कर चुकी है। उनका कहना है कि यह नस्ल हिमालयों समेत विषम मौसम परिस्थितियों में भी काम कर सकती है। सेना के अधिकारियों का कहना है कि यह मौसम की सभी परिस्थितियों में जीवित रह सकती है। कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के निदेशक बी वी शिवप्रकाश ने कहा कि मुधोल हाउंड को बहुत लंबी दूरी से चीजों को देखने की उसकी क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा, इस कुत्ते को भागने की उसकी क्षमता, उसके कद और लंबी दूरी से चीजों को देखने की क्षमता के लिए जाना जाता है। किसी अन्य नस्ल से तुलना करने पर, यह किसी भी मौसम में जीवित रह सकता है।
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मेक इन इंडिया बनी वजह
कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के निदेशक बी वी शिवप्रकाश का कहना है कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मेक इन इंडिया’ अभियान पर जोर दे रहे हैं तो कुत्ते की यह स्वदेशी नस्ल भी ध्यान आकर्षित कर रही है। इस नस्ल को वफादार और शिष्ट माना जाता है। एसपीजी की स्थापना 1985 में हुई थी और यह प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराती है।
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ये है डॉग मुधोल हाउंड—
00 विशेष कार्य शक्ति और गजब का स्टेमिना
00 दिखने में पतले लेकिन ऊंचे कद के मजबूत जबड़े वाले
00 एक बार शिकार को पकड़ लेने के बाद छोड़ता नहीं
00 लंबी दूरी तक दौड़ने की क्षमता
00 50 किमी/ घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम
00 3 किमी की दूरी से किसी भी वस्तु को सूंघने वाले
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पीएम की सुरक्षा में चारों ओर एसपीजी
प्रधानमंत्री के चारों ओर पहला सुरक्षा घेरा एसपीजी जवानों का होता, लेकिन उसके बाद के तीन घेरे जिला प्रशासन के जिम्मे होता है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में अलग-अलग घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा कमांडो तैनात रहते हैं। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे एसपीजी जवानों को अमेरिका की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस के मुताबिक ट्रेनिंग दी जाती है। इनके पास एमएनएफ-2000 असॉल्ट राइफल, ऑटोमेटिक गन और 17 एम रिवॉल्वर जैसे मॉडर्न हथियार होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा पर रोजाना 1 करोड़ 62 लाख रुपए खर्च होते हैं। यह जानकारी 2020 में संसद में दिये एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने दी थी।
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