- क्लर्क सस्पेंड, व्याख्याताओं का नोटिस
बिलासपुर। जिले के बिल्हा ब्लाक के हायर सेकेंडरी स्कूल बेलतरा में 77 लाख रुपए की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। स्कूल में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 कैलाश चंद्र सूर्यवंशी, लिपिक निर्मला सिदार द्वारा व्याख्याता पुन्नीलाल कुर्रे के खाते में ट्रेजरी के माध्यम से 77 लाख रूपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की और ट्रेजरी के अधिकारियों से मिलीभगत करते हुए इसे निकाल लिया गया। इसके लिए व्याख्याता के नाम से 10 महीने में 22 बोगस बिल बनाए गए और उसे निकाल भी लिया गया। मामला 2018-19 का है। हैरानी की बात यह रही कि कर्मचारियों- अधिकारियों के दो-चार हजार के बिल पास कराने में तमाम औपचारिकताएं बताने वाले ट्रेजरी अधिकारी एक ही शिक्षक के खाते में लगातार राशि ट्रांसफर करते रहे। मामला अब सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से क्लर्क और व्याख्याता को नोटिस जारी किया गया है। थाने में एफआईआर की बात भी कही जा रही है। साथ ही सहायक ग्रेड-2 कैलाश चंद्र सूर्यवंशी को निलंबित कर दिया गया है। व्याख्याता पुन्नी लाल कुर्रे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की गई है।
मामला तब खुला जब स्कूल के वर्तमान प्राचार्य एनपी राठौर ने स्कूल को आबंटित राशि की जांच कराई। गड़बड़ी पाए जाने पर इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की गई। जानकारी के मुताबिक जिस प्राचार्य प्यारेलाल मरावी के कार्यकाल में यह घोटाला हुआ है उनकी मृत्यू हो चुकी है। वर्तमान प्राचार्य की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने 3 सदस्यीय टीम बनाकर मामले की जांच कराई तो पाया गया कि 2018 से 2019 के बीच बिना किसी आदेश के कभी अन्य पे, अन्य भत्ता और बेसिक पे बताकर 10 महीने में 22 बार अलग-अलग बिल लगाकर पुन्नीलाल कुर्रे के वेतन एकाउंट में यह राशि डाली गई। यही नहीं कुछ महीने पहले प्राचार्य की अनुपस्थिति में पुन्नीलाल कुर्रे को प्राचार्य का प्रभार मिला तो प्रभारी रहते हुए भी यही कोशिश की गई। इसी के बाद मामला खुला।
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कोषालय कर्मचारियों की मिलीभगत
इस पूरे मामले में कोषालय के कर्मचारियों की भूमिका अत्यंत संदिग्ध मानी जा रही है। ज्ञात हो कि पिछले तीन महीने से जिले के सैकड़ों शिक्षाकर्मियों का वेतन इसलिए रोक दिया जा रहा है क्योंकि वेतन राशि में अंतर आ रहा है। दूसरी ओर इस घोटाले के मामले में कोषालय ने 10 महीने में 22 बार स्कूल की ओर से बिल लगने के बाद भी एक बार भी आपत्ति नहीं लगाई। व्याख्याता पुन्नीलाल कुर्रे के खाते में लगातार राशि पहुंचती रही लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। सबसे बड़ी बात कि इस मामले में पूरा घोटाला ट्रेजरी ने नहीं बल्कि स्कूल के वर्तमान प्राचार्य ने पकड़ा है। जानकार भी मानते हैं कि बिना कोषालय के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत के ऐसा संभव ही नहीं है।
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आडिट से खुला पूरा मामला, हड़कंप मचा
पूरे मामले में वर्तमान प्राचार्य एनपी राठौर पर भी अब दबाव डाला जा रहा है। दरअसल प्राचार्य की शिकायत पर ही जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक हरकत में आए और तीन प्राचार्यों की टीम बनाकर जांच करने भेजा। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही सहायक ग्रेड 2 कैलाश चंद्र सूर्यवंशी को निलंबित कर दिया गया है। व्याख्याता पुन्नी लाल कुर्रे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा राज्य कार्यालय से की गई है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। जिला शिक्षा विभाग ने प्राचार्य के पत्र के आधार पर स्कूल में आडिट भी करवाया। इसी आडिट में पूरे मामले की पोल परत दर परत खुलती चली गई। मामले में शिक्षा विभाग की ओर से व्याख्याता पुन्नीलाल कुर्रे को पूरी धनराशि शासकीय खाते में जमा करने कहा गया है।
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निलंबन व नोटिस दिया गया
सहायक ग्रेड 2 कैलाश चंद्र सूर्यवंशी को एक अन्य मामले में पहले ही निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में भी नोटिस दिया गया है। व्याख्याता पुन्नी लाल कुर्रे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की गई है। लिपिक निर्मला सिदार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
- डीके कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी
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