केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सीमा शुल्क अधिनियम के तहत अपराधों के लिए अभियोजन, गिरफ्तारी और जमानत नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत जुर्माने में दोगुनी बढ़ोतरी की गई है। नए नियम के तहत सामान और सीधे तस्करी के मामले में अब 50 लाख रुपये जुर्माना लगेगा, जो पहले 20 लाख था। वाणिज्यिक धोखाधड़ी में जुर्माना 2 करोड़ रुपये होगा, जो पहले एक करोड़ रुपये था।
सीबीआईसी ने कहा, अधिनियम गिरफ्तारी की शक्तियों के प्रयोग के लिए कोई मूल्य सीमा तय नहीं करता है। लेकिन स्पष्ट किया जाता है कि किसी अपराध के संबंध में गिरफ्तारी सिर्फ असाधारण स्थितियों में ही प्रभावी होनी चाहिए। इसमें आवास नियमों के हस्तांतरण, अवैध आयात से जुड़े मामले शामिल हैं, जहां सामान का बाजार मूल्य 50 लाख या उससे ज्यादा है। वे प्रतिबंधित सामान जिसमें विदेशी मुद्रा शामिल है और जिनका मूल्य 50 लाख से ज्यादा हो।
इन मामलों में भी गिरफ्तारी
व्यापारिक सामान के आयात से संबंधित मामले जिसमें सामान के विवरण में जानबूझ कर गलत घोषणा की गई हो। माल को छिपाने या प्रतिबंधित सामानों का आयात शामिल हो। ऐसे मामले में अगर बाजार मूल्य 2 करोड़ रुपये या उससे अधिक है तो सीमा शुल्क अधिनियम के तहत गिरफ्तारी हो सकती है।
घटेगी मुकदमेबाजी


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                