हीरे-सोने से बनी है देश की सबसे महंगी राखी, 5 लाख है कीमत

रक्षाबंधन आज

  • सूरत, गुजरात के बाजार में मिल रही खास फैंसी राखी

-इस रक्षा सूत्र को कर सकते हैं आम दिनों में गहने की तरह इस्तेमाल

सूरत। बहन-भाई का त्यौहार रक्षाबंधन इस साल 11 व 12 अगस्त को मनाया जाएगा। दरअसल पूर्णिमा तिथि 11 और 12 दिन होने के साथ और 11 अगस्त को पूरे दिन भद्रा रहने से यह संयोग बना है। एक समय था जब भारत में बहने अपनी भाई की कलाई में रेशम का धागा बांधकर राखी के त्योहार को मनाया करती थी, लेकिन अब मार्केट में कई तरह की फैंसी राखियां हैं। क्या आपको पता है, देश में सबसे महंगी राखी की कीमत क्या है? गुजरात के सूरत शहर में भारत की सबसे महंगी राखी बिक रही है। यह राखी पूरे 5 लाख रुपये की है। ये राखी गोल्ड, डायमंड, प्लेटिनम की बनी हुई है। यह राखी देखने में एक गहने की तरह है।

राखी की विशेषता

आपको बता दें कि सूरत की इस ज्वेलरी शॉप पर हजारों रुपये की राखी से लेकर लाखों की राखी बिक रही है। इसमें 5 लाख रुपये तक की कीमत की राखी भी शामिल है। 5 लाख रुपये की राखी को बनाने के लिए कई महंगे धातु जैसे सोने, प्लेटिनम, डायमंड का इस्तेमाल किया गया है। इस राखी की कीमत पूरे देश में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यह राखी सोने और चांदी की बनी हुई है। ज्वेलरी शॉप के मालिक दीपक भाई चोकसी ने बताया कि इस राखी को आम दिनों में गहने की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। सूरत की इस ज्वेलरी शॉप पर कई और तरह की राखियां भी मौजूद है। दुकान के मालिक ने बताया की यहां 400 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की राखी बिक रही है।


राखी बंधवाते समय इन नियमों का रखें ध्यान

राखी बांधते समय सही नियमों का पालन जरूरी है। रक्षाबंधन वाले दिन भाई-बहन दोनों स्नान करके नए कपड़े पहन लें। शुभ मुहूर्त में राखी बंधवाते समय सबसे पहले भाई अपने सिर पर कोई रुमाल रख लें। राखी बंधवाते समय भाई का मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए और पीठ पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। इसके बाद बहन भाई के माथे पर चंदन, कुमकुम व अक्षत से तिलक लगाएं। ध्यान रखें कि रक्षाबंधन की थाली सजाते समय कभी भी थाली में टूटे हुए अक्षत न रखें। राखी बांधने से पहले बहनें इसमें तीन गांठ जरूर बांध लें। शुभ माना जाता है। राखी में तीन गांठ भगवान ब्रह्मा विष्णु और महेश को समर्पित होती है। पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए, दूसरी गांठ खुद की दीर्घायु के लिए और तीसरी गांठ भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की दीर्घायु के लिए बांधी जाती है।

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