अचिंता ने 73 किलो भारवर्ग में उठाया 313 का कुल भार
स्नैच राउंड में 143 किलो का वजन उठाकर बनाया गेम्स रिकॉर्ड
क्लीन एंड जर्क में उठाया 170 किलो का वजन
CWG 2022: भारत के युवा वेटलिफ्टर अचिंता शेउली ने राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीत लिया है। पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहे 20 साल के अचिंता ने रविवार देर रात पुरूषों के 73 किलो वर्ग में नये रिकॉर्ड के साथ बाजी मारकर देश को तीसरा पीला तमगा दिलाया। पश्चिम बंगाल के रहने वाले शेउली ने कुल 313 किलो वजन उठाकर राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने स्नैच में 143 किलो वजन उठाया जो राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड है। इसके बाद उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 170 किलो का भार उठाया।
पिछले साल जूनियर विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले शेउली ने दोनों सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट तीसरे प्रयास में किये। मलेशिया के ई हिदायत मोहम्मद को रजत और कनाडा के शाद डारसिग्नी को कांस्य पदक मिला जिन्होंने क्रमश: 303 और 298 किलो वजन उठाया।
कैसा रहा अचिंता का प्रदर्शन:
अचिंता ने स्नैच राउंड में पहले प्रयास में 137 किलो का वजन उठाया। इसके बाद उन्होंने अगले दोनों प्रयास में अधिक वजन उठाकर रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने दूसरे प्रयास में 140 और इसके बाद तीसरे प्रयास में 140 किलो का भार सफलतापूर्वक उठाया और नया गेम्स रिकॉर्ड अपने नाम किया।
स्नैच राउंड:
पहला प्रयास- 137 किलो
दूसरा प्रयास - 140 किलो
तीसरा प्रयास- 143 किलो
अचिंता ने क्लीन एंड जर्क राउंड में भी शानदार शुरुआत की। उन्होंने अपने पहले प्रयास में सबसे ज्यादा 166 किलो का वजन उठाया। हालांकि दूसरे प्रयास में वह 170 किलो उठाने में नाकाम रहे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे और अंतिम प्रयास में 170 किलो का वजन उठाकर दूसरे खिलाड़ियों का काफी पीछे छोड़ते हुए गोल्ड पर कब्जा कर लिया।
क्लीन एंड जर्क:
पहला प्रयास- 166 किलो
दूसरा प्रयास- 170 किलो उठाने में नाकाम
तीसरा प्रयास- 170 किलो
शेउली ने जीत के बाद कहा कि मैं बेहद खुश हूं… कई संघर्षों को पार करने के बाद मैंने यह पदक जीता। मैं इस पदक को अपने भाई और सभी कोच को समर्पित करूंगा। इसके बाद मैं ओलंपिक की तैयारी करूंगा।
बता दें कि शेउली से पहले पहले टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू और जेरेमी लालरिननुंगा ने भारत को भारोत्तोलन में दो स्वर्ण दिलाये थे। जबकि संकेत और बिंदियारानी देवी ने अपने-अपने वर्ग में सिल्वर जीते, वहीं गुरुराजा पुजारी ने कांस्य पदक अपने नाम किया।

