जमीन घोटाले में ईडी ने कसा शिकंजा, पहले छापा फिर हिरासत में राउत

मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत को ईडी ने हिरासत में ले लिया। राउत पर यह कार्रवाई महाराष्ट्र के 1034 करोड़ के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में की गई है। ईडी की टीम ने करीब 9 घंटे तक संजय राउत के घर छानबानी की। इसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर ईडी दफ्तर पहुंची। इधर, ईडी की कार्रवाई को लेकर सियासी घमासान मच गया है। समर्थकों ने ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, वहीं उद्धव ठाकरे ने जमकर निशाना साधा।

शिवसेना के सांसद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत में ले लिया है। अब उनपर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। जांच एजेंसी जब राउत को लेकर जा रही थी, तब उनके तेवर देखने लायक थे। राउत घर से निकले तो भगवा दुपट्टा लहराते नजर आए। रवाना हुए, तो लग्जरी एसयूवी की छत से विक्ट्री साइन दिखाया। इतना ही नहीं, अपने समर्थकों की नारेबाजी पर मुट्ठी बांधकर दोनों हाथ हवा में लहराते रहे। राउत ने रविवार को दक्षिण मुंबई में स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में प्रवेश करने से पहले कहा कि वह झुकेंगे नहीं और न ही पार्टी छोड़ेंगे। ईडी की एक टीम ने धनशोधन से संबंधित मामले की जांच के सिलसिले में रविवार को राउत के घर पर छापेमारी की है। राउत को भांडुप में उनके घर से ईडी कार्यालय ले जाया गया, जिसके बाहर उन्होंने पत्रकारों कहा, ईडी मुझे गिरफ्तार करने जा रहे हैं। मैं गिरफ्तार होने जा रहा हूं। उन्होंने कहा, झुकूंगा नहीं। ईडी ने राउत के खिलाफ कई समन जारी करने के बाद यह कार्रवाई की है। आखिरी समन 27 जुलाई को भेजा गया था। ईडी ने राउत को मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास और उनकी पत्नी व ‘सहयोगियों’ से संबंधित लेनदेन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। रविवार सुबह सात बजे ईडी के अधिकारी सीआरपीएफ कर्मियों के साथ राउत के घर पहुंचे और छापेमारी शुरू की। शाम पांच बजे ईडी कार्यालय लाए जाने के कुछ देर बाद राज्यसभा सदस्य राउत ने कोई भी गलत काम करने से इनकार किया और आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। राउत ने ईडी की कार्रवाई के कुछ देर बाद ट्वीट किया, मैं बाला साहेब ठाकरे की कसम खाता हूं मैंने कोई घोटाला नहीं किया। मैं मर जाउंगा, लेकिन शिवसेना नहीं छोड़ूंगा।

9 घंटे पूछताछ के बाद हिरासत

ईडी ने संजय राउत से 9 घंटे की पूछताछ की, उसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया। भांडुप में उनके बंगले मैत्री पर सुबह सात बजे से ईउी की टीम पहुंची थी। 10 अफसरों ने राउत और उनके विधायक भाई सुनील राउत के कमरों की तलाशी ली। टीम ने उनसे और उनके परिवार वालों से पूछताछ की। कहा गया है कि राउत राउत जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।

ईडी के बुलावे पर नहीं हुए थे पेश

सांसद संजय राउत को मुंबई के एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास और उनकी पत्नी एवं अन्य ‘सहयोगियों’ की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था। वे पेश नहीं हुए। उन्होंने पेशी से छूट मांगी थी, लेकिन तब ईडी ने इसे स्वीकार नहीं किया था।

पात्रा चॉल घोटाला मामला

ईडी के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था। इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों पुनर्विकसित होने थे। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने एमएचएडीए को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी। बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने एक प्रोजेक्ट शुरू किया और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपए जुटाए। जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की। आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की सिस्टर कंपनी है। जांच में सामने आया कि कंपनी ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे। 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा। ईडी की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे।

उद्धव बोले-यह पार्टी को खत्म करने का ‘षड्यंत्र’

शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय पार्टी के नेता संजय राउत को गिरफ्तार कर सकता है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि राउत के खिलाफ जारी एजेंसी की कार्रवाई पार्टी को खत्म करने के ‘षड्यंत्र’ का हिस्सा है।शिवसेना प्रमुख ने कटाक्ष करते हुए कहा, ईडी के ‘मेहमान’ संजय राउत के घर पहुंचे हैं। उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। यह क्या साजिश है?

शिंदे ने कहा-बेकसूर हैं, तो डरना क्यों?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यदि शिवसेना नेता संजय राउत बेकसूर हैं, तो कार्रवाई से उन्हें डरना नहीं चाहिए। राउत ने घोषणा की है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। यदि ऐसा है तो जांच से डर क्यों रहे हैं? इसे होने दीजिए। यदि बेकसूर हैं तो किस बात का डर है?

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