-बंगाल की राजनीति में आएगा तगड़ा भूचाल
- दो कंपनियों में रकम ट्रांसफर के मिले सबूत
-डायरी के माध्यम से कई अहम लोगों तक पहुंचेगी ईडी
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने खास मंत्री से मुंह मोड़ लिया है, दूसरी ओर ईडी को शिक्षक भर्ती घोटाले में लगातार पुख्ता सबूत हासिल हो रहे हैं। ईडी सूत्रों की मानें तो भर्ती घोटाले से जुड़ी एक महत्वपूर्ण डायरी हाथ लगी है। इस डायरी के एक दर्जन से अधिक पन्नों में अवैध लेन देन का कच्चा-चिट्ठा है। जानकार बताते हैं कि डायरी के माध्यम से ईडी अभी कई और अहम लोगों तक पहुंच सकती है। डायरी मिलने के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में और भूचाल आने की आशंका जताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में ईडी के हवाले से कहा गया है कि जांच अधिकारियों को एक डायरी मिली है जो शिक्षक घोटाले से जुड़ी कई अहम कड़ियों को जोड़ रही है। 40 पन्नों की इस डायरी में शिक्षक घोटाले से जुड़ी एंट्रीज हैं। ईडी के अनुसार 40 पन्नों में अकेले 16 पन्नों पर तो पैसों की लेन देन का ही जिक्र है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को डायरी के अलावा एक लिफाफा भी मिला है। हायर एजुकेशन से जुड़े इस लिफाफा में पांच लाख रुपये कैश रखा गया था। कुछ अन्य डॉक्यूमेंट्स मिले हैं जिसमें दो कंपनियों में रकम ट्रांसफर के सबूत हैं। ईडी का मानना है कि इन्हीं कंपनियों के जरिए घोटाले की रकम ट्रांसफर की गई है। जांचकर्ताओं को ग्रुप डी स्टाफ के एडमिट कार्ड भी मिले हैं।
ईडी रिमांड पर भेजे गए मंत्री पार्थ चटर्जी व सहयोगी अर्पिता मुखर्जी
पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 3 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। इन दोनों को शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। चटर्जी पर सरकारी स्कूलों में स्कूली शिक्षकों और कर्मचारियों की कथित रूप से अवैध नियुक्तियों में भूमिका का आरोप लगा है। उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने से ईडी ने 20 करोड़ से अधिक रुपये बरामद किए थे। इसके अलावा उनके घर से 20 मोबाइल फोन और 50 लाख रुपए की ज्वैलरी भी बरामद हुई है।
गजब घोटाला! चटर्जी के बॉडीगार्ड की भाभी, भाई, दामाद बने सरकारी टीचर
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एसएससी घोटाला (स्कूल सर्विस कमीशन) सुर्खियों में है। घोटाले में एक के बाद एक पर्तें खुलती जा रही हैं। पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का एक और कारनामा सामने आ रहा है। आरोप है कि पार्थ चटर्जी के सिक्योरिटी गार्ड के 10 रिश्तेदारों को भी शिक्षा विभाग में नौकरी मिल गई। एक झटके में भाई-भाभी से लेकर दामाद तक सबको सरकारी टीचर बना दिया गया। अब इस मामले की भी जांच के आदेश हाई कोर्ट ने दिए हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि 10 प्राथमिक शिक्षकों को मिली नौकरी की जांच की जाए। आरोप है कि ये दस टीचर्स मंत्री पार्थ चटर्जी के अंगरक्षक विश्वंबर मंडल के रिश्तेदार हैं। इन भर्तियों को पश्चिम बंगाल एसएससी भर्ती घोटाले से सीधे तौर पर जोड़ा जा रहा है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि पार्थ चटर्जी के जिन रिश्तेदारों पर रुपये देकर नौकरी पाने का आरोप है उनसे हलफनामे लिए जाएं। कोर्ट ने सभी से अपनी नौकरी के विवरण के बारे में एक हलफनामा दाखिल करें और बताएं कि उन्हें यह नौकरी कैसे मिले। यह हलफनामा उन्हें 17 अगस्त तक जमा करना होगा।


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                