—एम्स ने हाईकोर्ट से कहा- अस्पताल में भर्ती की जरूरत नहीं
——विशेष अदालत में हिरासत के लिए ईडी ने रखी दलील
भुवनेश्वर/कोलकाता। प. बंगाल के स्कूल भर्ती घोटाले में गिरफ्तार उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भुवनेश्वर एम्स के कार्यकारी निदेशक ने कहा है कि बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं जरूर हैं, लेकिन उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। उधर, विशेष अदालत से सुनवाई के दौरान ईडी ने पार्थ चटर्जी की 14 दिनों की हिरासत की मांग कर दी है। इस बीच, ममता बनर्जी ने कहा है कि मैं भ्रष्टाचार या किसी गलत काम का समर्थन नहीं करती हूं।
स्कूल भर्ती घोटाले के संबंध में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को सोमवार को एम्स भुवनेश्वर ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने कहा कि वह गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। ईडी ने चटर्जी (69) को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई को ईडी को चटर्जी को एयर एम्बुलेंस से ओडिशा के अस्पताल में ले जाने का निर्देश दिया था। एम्स के कार्यकारी निदेशक आशुतोष विश्वास ने संवाददाताओं से कहा, हमने (चटर्जी की) जांच की है। उन्हें कुछ गंभीर बीमारियां हैं, लेकिन तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। विश्वास ने कहा कि अदालत को चटर्जी के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा, अदालत के निर्देश के मुताबिक अगला कदम उठाया जाएगा। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि चटर्जी का प्रतिनिधित्व करने वाले दो वकील उनके साथ ओडिशा की राजधानी गए हैं। इससे पहले दिन में, उद्योग और संसदीय मामलों के मंत्री चटर्जी को एसएसकेएम अस्पताल से ‘ग्रीन कॉरिडोर’ के जरिए कोलकाता हवाई अड्डे पर ले जाया गया। भुवनेश्वर पहुंचने के बाद, चटर्जी को एम्स ले जाया गया, जहां उनके स्वास्थ्य की जांच की गई, जिसके बाद उन्हें एक विशेष केबिन में स्थानांतरित कर दिया गया।
‘चोर चोर’ के लगे नारे
मंत्री पार्थ चटर्जी को अस्पताल ले जाने के दौरान कुछ लोग ‘चोर चोर’ पुकार रहे थे। इन लोगों में से ज्यादातर बंगाल के थे। राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में भर्ती घोटाले के वक्त चटर्जी के पास शिक्षा विभाग का प्रभार था। बाद में उनसे यह विभाग ले लिया गया। लोगों ने यहां तक कहा कि बंगाल को बर्बाद करने के बाद इलाज कराने तुम यहां आए हो।
मंत्री की करीबी चली रही थी 12 मुखौटा कंपनियां
कोलकाता। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की ‘करीबी सहयोगी’ बताई जा रही अर्पिता मुखर्जी 12 मुखौटा कंपनियां चला रही थीं। वह ऐसा मुख्य रूप से आर्थिक हेरफेर के लिए कर रही थीं। शनिवार शाम को मुखर्जी के जोका स्थित फ्लैट की तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज़ बरामद किए गए थे जो ऐसी कंपनियों के होने का समर्थन करते हैं। उन्होंने बताया कि ईडी के अधिकारियों को कम पहचाने जाने वाले एक अभिनेता के साथ-साथ ओडिशा एवं तमिलनाडु के अलग अलग प्रोड्क्शन हाउस के लोगों के शामिल होने का शक है। मुखर्जी ने भी कई बंगाली और उड़िया फिल्मों में काम किया है। अधिकारी ने कहा, हमें अर्पिता के जोका स्थित फ्लैट से दस्तावेज़ मिले हैं जो संकेत देते हैं कि वह आर्थिक हेरफेर के लिए कई मुखौटा कंपनियों का संचालन कर रही थी। हमारे पास ऐसी 12 कंपनियों के दस्तावेज़ हैं। ओडिशा और तमिलनाडु के लोगों की संलिप्तता हो सकती है। इनके बारे में हमारा मानना है कि उन्होंने पैसे को इधर-उधर किया है। एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि ईडी ओडिशा और तमिलनाडु में कुछ लोगों पर ‘कड़ी निगाह’ रख रही है और उनसे जल्द पूछताछ की जा सकती है।
ममता बोलीं- तो दी जाए उम्रकैद
अपने मंत्री की गिरफ्तारी के दो दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने एक बयान में कहा कि मैं भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती हूं। उन्होंने आगे कहा कि सभी लोग एक जैसे नहीं होते हैं। मैं चाहती हूं कि सच्चाई एक समय सीमा में सामने आए। उन्होंने कहा कि अगर दोषी साबित पाए जाते हैं तो उम्रकैद की सजा दिए जाने में भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मैंने जीवनभर राजनीति की है। ये अपने निजी फायदे के लिए नहीं की। मेरे लिए राजनीति ही जनसेवा है। राजनीति लोगों से प्यार करने और देश की सेवा करने के बारे में है। ये मैंने अपने शिक्षकों, माता-पिता से सीखा है। ममता ने आगे कहा कि क्या सभी एक जैसे हो सकते हैं? मतभेद होंगे। सभी व्यक्ति एक जैसे नहीं होते। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन का उद्देश्य भ्रष्टाचार का समर्थन करना नहीं है। मुझे एक पूर्व सांसद के रूप में 1 लाख पेंशन मिलती है और मैं सीएम के रूप में 2 लाख वेतन प्राप्त कर सकती हूं, लेकिन मैं वेतन के रूप में एक पैसा भी नहीं लेती हूं। यहां तक कि जब मैं सर्किट हाउस में रहती हूं तो मैं इसका भी भुगतान करती हूं।
भाजपा को ममता का अल्टीमेटम
इधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना था कि भाजपा और सीपीआईएम द्वारा दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया जा रहा है। अगर आप मेरी छवि खराब करने की कोशिश करते हैं तो याद रखें कि मेरे हाथ में भी चीजें हैं। मुझे एक क्षेत्र बताओ, एक संस्थान जहां लोग किसी एक को प्राथमिकता नहीं देते? वे बड़े पैमाने पर धन और भ्रष्टाचार के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन कहां? किसी भी मीडिया ने इसे नहीं दिखाया, हमें कैसे पता चलेगा? एक लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी दी गई। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन मैं यह भी जानती हूं कि न्यायपालिका पर बीजेपी का अब कितना दबदबा है, अगर उन्हें लगता है कि वे पार्टियों को तोड़ सकते हैं, सरकार का उपयोग कर सकते हैं तो याद रखें कि मैं लोगों की पार्टी करती हूं।
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