अकसर सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे फर्जी मैसेज वायरल हो जाते हैं, जिस पर सरकार को सफाई देनी पड़ती है। इन दिनों ऐसा ही एक मैसेज जीएसटी को लेकर वायरल हो रहा है। दरअसल, सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार श्मशान सेवाओं पर 18% जीएसटी वसूल रही है। हालांकि, सरकार की ओर से इस वायरल हो रहे मैसेज को पूरी तरह भ्रामक बताया गया है।
हाल ही में पीआईबी फैक्ट चेक ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया, ” अंतिम संस्कार, दफन, श्मशान या मुर्दाघर सेवाओं पर किसी तरह का जीएसटी नहीं है। यह दावा भ्रामक है।” साथ ही यह भी बताया गया है कि इस संदर्भ में 18% जीएसटी केवल कार्य अनुबंधों के लिए लागू है, सेवाओं पर नहीं।
आपको बता दें कि बीते 18 जुलाई से जीएसटी काउंसिल ने रोजमर्रा के कई प्रोडक्ट पर शर्तों के साथ जीएसटी लगाया है। इसमें पैक्ड आटा, बेसन और दही समेत कई प्रोडक्ट हैं। इसके अलावा नॉन आईसीयू बेड, चेकबुक, प्रिंटिंग/राइटिंग या ड्रॉइंग इंक, एलईडी लाइट्स, एलईडी लैम्प पर भी जीएसटी वसूलने की बात कही गई है। जीएसटी काउंसिल के ताजा फैसले का विरोध भी हो रहा है।

