राजस्थान के भरतपुर में अवैध खनन से दुखी पसोपा गांव में संत बाबा विजय दास ने 551 दिन बाद खुद को आग लगी ली। आग लगाने के बाद बाबा राधे-राधे कहते हुए दौड़ने लगे। जब तक पुलिस कर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई, तब तक वो 80 फीसदी जल चुके थे।
पुलिस प्रशासन ने बाबा को भरतपुर के राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। बाबा के आग लगाने के बाद राजस्थान के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया बैकफुट पर आ गए। मंत्री ने कहा कि संत जिन खानों को बंद करने की मांग कर रहे हैं, वे लीगल हैं। उसके बावजूद भी उनकी लीज शिफ्ट करने पर विचार किया जाएगा।
टॉवर पर चढ़े संत-
अवैध खनन के विरोध में मंगलवार सुबह बाबा नारायण दास टावर पर चढ़ गए। जिसके बाद उन्होंने पूरी रात टावर पर गुजारी। बाबा नारायण दास को टावर पर ही ग्लूकोज और अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। वहीं रातभर मौके पर पुलिस जाप्ता तैनात रहा। इसके बाद बुधवार सुबह बड़ी संख्या में साधु-संत पासोपा में आंदोलन स्थल पर जुट गए। इसी दौरान सुबह करीब 11.30 बजे एक संत विजयसदास (65) ने धरनास्थल के पीछे जाकर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली।
संत के आत्मदाह के बाद खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि पहाड़ी के आसपास 55-60 लीज दे रखी हैं। वे सब लीगल माइनिंग कर रहे हैं। उनके पास एनवायर्नमेंटल क्लियरेंस भी है। संत चाहते हैं कि वहां खनन बंद करके उस इलाके को वन क्षेत्र घोषित किया जाए।

