कहीं से भी रिपेयर करा सकेंगे गैजेट्स, नहीं खत्म होगी वारंटी, सरकार लाएगी नियम

आने वाला है नया कानून ‘राइट टू रिपेयर’, खत्म होगी कंपनियों की मनमानी

-नए नियम के तहत अब कंपनियों को देनी होगी अपने प्रोडक्ट्स की सारी जानकारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार उपभोक्ता सामान, गैजेट्स और कार कंपनियों की मनमानी को खत्म करने के लिए राइट टू रिपेयर (मरम्मत का अधिकार) नियम की रूपरेखा विकसित करने पर काम कर रही है। अभी अधिकांश कंपनियों की पॉलिसी के तहत ग्राहकों को अपने गैजेट्स और कारों की रिपेयरिंग कंपनी के ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर्स पर ही करानी होती है। वहीं बाहर से रिपेरिंग कराने पर प्रोडक्ट्स की वारंटी तक खत्म कर दी जाती है। इस नए नियम के तहत अब मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स की सारी जानकारी ग्राहकों को देनी होगी, जिससे वे खुद या कहीं भी इन प्रोडक्ट्स को रिपेयर करा सकेंगे। ऐसे में यूजर्स की कंपनियों पर निर्भरता कम हो जाएगी।

समिति का भी गठन

सरकार ने इसके लिए एक समिति का भी गठन किया है। हाल में हुई समिति की पहली बैठक की गई, जिसमें समिति की अध्यक्ष उपभोक्ता विभाग की अपर सचिव निधि खरे भी मौजूद थीं. समिति ने बैठक के दौरान मरम्मत के अधिकार के लिए जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है, उनमें खेती उपकरण, मोबाइल फोन, टेबलेट, कन्जयूमर डयूरेबल्स, ऑटोमोबाइल्स और ऑटोमोबाइल्स प्रोडक्ट्स को चिन्हित किया गया है।

ई-कचरा कम करने की कोशिश

इस नियम के साथ सरकार ग्राहकों को मजबूत बनाना चाहती है। इस अधिकार के जरिए सरकार कंपनी, सेलर और थर्ड पार्टी खरीददारों के बीच व्यापार में सामंजस्य बनाना चाहती है और साथ ही इसके जरिए ई कचरा कम करने की भी कोशिश की जा रही है। बैठक के दौरान इस पर भी चर्चा की गई कि प्रोडक्शन कंपनियां मैनुअल के प्रकाशन से बचती हैं, जिससे उपभोक्ता को अपने गैजेट्स व स्पेयर पार्ट्स को आसानी से मरम्मत करने में मदद मिल सकती है।

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