छग समेत तीन राज्यों में केस
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो को एक जुलाई को ‘गलत संदर्भ’ में दिखाने के मामले में एक समाचार चैनल के प्रस्तोता रोहित रंजन के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने से विभिन्न राज्यों के प्राधिकारियों को शुक्रवार को रोक दिया। रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने इस प्रसारण के संबंध में की गई शिकायतों और प्राथमिकियों को रद्द किए जाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के जरिए केंद्र समेत कई पक्षों को नोटिस भी जारी किए। गांधी के वीडियो को गलत संदर्भ में दिखाने के मामले में रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। रंजन ने वीडियो प्रसारित होने के बाद माफी मांगी थी और इस समाचार कार्यक्रम को वापस ले लिया गया था। याचिका में केंद्र के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों को पक्षकार बनाया गया है। शीर्ष अदालत ने पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस बीच, प्रतिवादी प्राधिकारी याचिकाकर्ता को हिरासत में लेने की कठोर कार्रवाई नहीं करेंगे। याचिका में रंजन ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों या शिकायतों को रद्द करने या उन्हें एक साथ संलग्न करने एवं एक स्थान पर हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है। रंजन ने यह भी अनुरोध किया है कि वापस लिए जा चुके कार्यक्रम के प्रसारण के लिए उनके खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाए। याचिका में पत्रकार, उनके परिवार के सदस्यों और कार्यक्रम से जुड़े उनके सहयोगियों के लिए सुरक्षा का अनुरोध किया गया है।
रायपुर, जयपुर, नोएडा में एफआईआर
रंजन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने पीठ से कहा कि अभी तक जयपुर, रायपुर और नोएडा में तीन प्राथमिकी दर्ज हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में अनजाने में त्रुटि हो गई और याचिकाकर्ता ने माफी भी मांग ली है। लूथरा ने कहा कि कंपनी के दो संबंधित लोगों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, आज मेरी मुश्किल है कि पहली प्राथमिकी जयपुर में दर्ज की गई, दूसरी प्राथमिकी छत्तीसगढ़ के रायपुर में दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि नोएडा में भी प्राथमिकी दर्ज हुई है।
00000
ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर जुबैर को बेल, लेकिन नहीं आ सकेंगे जेल से बाहर
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को पांच दिन के लिए सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि वह मामले से संबंधित मुद्दे पर कोई नया ट्वीट पोस्ट नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अंतरिम जमानत का यह आदेश सीतापुर में दर्ज केस के लिए है। कोर्ट ने जुबैर को जमानत देने के साथ ही यूपी पुलिस को नोटिस देकर जवाब भी मांगा है। लेकिन सर्वोच्च न्यायाल से जुबैर को सर्शत जमानत दिए जाने के बाद भी उन्हें अभी भी न्यायिक हिरास्त में ही रहेना पड़ेगा। ऐसा इसलिए कि जुबैर दिल्ली पुलिस एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में हैं, जिसमें उन पर धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप है।
—

