समग्र शिक्षा और यूनिसेफ के सहयोग से दो दिवसीय कार्यशाला प्रांरभ
रायपुर, 7 जुलाई 2022
छत्तीसगढ़ में भाषायी सर्वे के आधार पर प्रारंभिक शिक्षा की योजना बनाई जाएगी। इस संबंध में आज यहां समग्र शिक्षा और यूनिसेफ के सहयोग से दो दिवसीय कार्यशाला प्रांरभ हुई।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों के घर की भाषा का शिक्षा में समावेश की महत्वपूर्ण आवश्यकता को समझना है। इसके अलावा राज्य के क्षेत्रों और जिलों को विभिन्न भाषायी परिस्थितियों के आधार पर वर्गीकृत करना। बहुभाषीय शिक्षा की अवधारणा और विभिन्न भाषायी परिस्थितियों में इसे लागू करने के रणनीति को समझना। प्राथमिक शिक्षा में विशेष रूप से बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान में बच्चों की भाषाओं को शामिल करने की रणनीति तैयार करना और उसे लागू करने के लिए ठोस योजना बनाना है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा पर फरवरी 2022 में भाषायी सर्वेक्षण का कार्य किया गया। इस सर्वेक्षण में राज्य के 29 हजार 755 शासकीय प्राथमिक शालाओं में कक्षा पहली पढ़ने वाले बच्चों की घर की भाषाओं, शिक्षकों की उन भाषाओं को समझने और बोलने की दक्षता के आंकड़े एकत्र किए गए। देश में यह सर्वेक्षण करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है। इस सर्वेक्षण के प्रारंभिक परिणामों को साझा करने और इनके आधार पर प्रारंभिक शिक्षा की योजना बनायी जाएगी। इस कार्यक्रम के मुख्य स्रोत व्यक्ति लैंग्वेज एण्ड लर्निंग फाउंडेशन की फाउंडर डॉ. धीरझिंगरन है।

