—चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता कंपनी पर मनीलॉन्ड्रिंग का मामला
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में दबिश
चीनी संस्थाओं और उनसे जुड़े भारतीय पक्षों के खिलाफ कार्रवाई
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता वीवो और संबंधित फर्मों के खिलाफ धन शोधन जांच में देशभर में 44 स्थानों पर तलाशी ली। धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत छापेमारी की जा रही है। ईडी को शक है कि कथित जालसाजी शेल या फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल करके अवैध रूप से कमाए गए धन की हेराफेरी करने के लिए की गई थी। इसके बाद पैसे विदेश भेजे गए।
प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में वीवो और उससे संबंधित कंपनियों से जुड़े 44 स्थानों पर तलाशी ले रही है। वीवो इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा, वीवो अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है और उन्हें सभी जरूरी सूचनाएं मुहैया करा रही है। एक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में हम कानूनों के पूरी तरह अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध हैं। जांच एजेंसी ने हाल ही में दिल्ली पुलिस (आर्थिक अपराध शाखा) द्वारा जम्मू- कश्मीर स्थित एजेंसी के एक वितरक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद धन शोधन का मामला दर्ज किया था। इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि उस कंपनी के कुछ चीनी शेयरधारकों ने फर्जी तरीके से अपने पहचान दस्तावेजों को बनाया। प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि यह कथित जालसाजी शेल या फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल करके अवैध रूप से कमाए गए धन की हेराफेरी करने के लिए की गई थी। इसमें से कुछ ‘आपराधिक आय’ को विदेश भेजा गया या भारतीय कर और प्रवर्तन एजेंसियों को धोखा देकर कुछ अन्य व्यवसायों में लगा दिया गया। इस कार्रवाई को चीनी संस्थाओं और उनसे जुड़े भारतीय पक्षों के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है।
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क्या है आरोप
आरोप है कि ये कंपनियां यहां काम करते हुए धन शोधन और कर चोरी जैसे गंभीर वित्तीय अपराधों में लिप्त हैं। ईडी ने गत 29 अप्रैल को शाओमी इंडिया के बैंक खातों को जब्त करते हुए उनमें जमा 5,551 करोड़ रुपये की निकासी पर रोक लगा दी थी। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप में की गई थी।
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तीन कंपनियों को विदेश में भेजकर अवैध लेनदेन
जांच एजेंसी का कहना है कि शाओमी इंडिया ने भारत में कारोबार से अर्जित राशि को रॉयल्टी भुगतान के नाम पर अपनी ही तीन कंपनियों को विदेश में भेजकर अवैध लेनदेन किया है। इस बीच 12 मई को न्यायालय ने शाओमी को इन बैंक खातों से अपने खर्चों की भरपाई के लिए रकम निकालने की छूट दे दी थी। लेकिन कंपनी इस राशि का इस्तेमाल भारत के बाहर रॉयल्टी भुगतान के नाम पर नहीं कर सकती है।
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रडार पर शाओमी, ओप्पो समेत चीनी कंपनियां
आयकर विभाग ने देश भर में शाओमी, ओप्पो और वीवो सहित कई चीनी स्मार्टफोन कंपनियों, उनके वितरकों और संबद्ध सहयोगियों के परिसरों पर पिछले साल दिसंबर में छापा मारा था। बाद में दावा किया गया कि इस छापों में 6,500 करोड़ रुपये से अधिक की कथित बेहिसाब आय का पता चला।
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