न्यूयॉर्क (अमेरिका)। रूस के पत्रकार दिमित्रि मुरातोव ने शांति के लिए मिले अपने नोबेल पुरस्कार की सोमवार रात नीलामी कर दी। मुरातोव नीलामी से मिलने वाली धनराशि यूक्रेन में युद्ध से विस्थापित हुए बच्चों की मदद के लिए सीधे यूनीसेफ को देंगे। अक्टूबर 2021 में स्वर्ण पदक से सम्मानित मुरातोव ने स्वतंत्र रूसी अखबार ‘नोवाया गजट’ की स्थापना की और वह मार्च में अखबार के बंद होने के समय इसके मुख्य संपादक थे। यूक्रेन पर रूस के हमले के मद्देनजर सार्वजनिक असंतोष को दबाने और पत्रकारों पर रूसी कार्रवाई के चलते यह अखबार बंद कर दिया गया था। मुरातोव ने पुरस्कार की नीलामी से मिली 5,00,000 डॉलर की नकद राशि धर्मार्थ के लिए दान करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस दान का उद्देश्य ‘‘शरणार्थी बच्चों को भविष्य के लिए एक मौका देना है।” मुरातोव ने एक साक्षात्कार में कहा कि वह खासतौर पर उन बच्चों के लिए चिंतित हैं, जो यूक्रेन में संघर्ष के कारण अनाथ हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम उनका भविष्य लौटाना चाहते हैं।” मुरातोव ने हेरीटेज ऑक्शंस द्वारा जारी वीडियो में कहा कि यह अहम है कि रूस के खिलाफ लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल दवाएं और अस्थि मज्जा प्रतिरोपण जैसी मानवीय सहायता जरूरतमंदों तक पहुंचने से न रुके। नीलामी प्रक्रिया का संचालन करने वाली हेरीटेज ऑक्शंस इससे मिलने वाली धनराशि में कोई हिस्सा नहीं ले रही है। मुरातोव को पिछले साल फिलीपीन की पत्रकार मारिया रेसा के साथ संयुक्त रूप से शांति के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्हें अपने-अपने देशों में स्वतंत्र अभिव्यक्ति बनाए रखने के लिए किए गए संघर्षों के वास्ते सम्मानित किया गया था। मुरातोव 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा जमाने और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के बड़े आलोचक रहे हैं।
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रूस अब भी पूर्वी यूक्रेन में कर रहा भारी गोलाबारी
कीव। रूसी सेना ने सोमवार को भी यूक्रेन पर भारी गोलाबारी जारी रखी। साथ ही इस युद्ध के वर्षों तक चलने की चेतावनी के बाद दुनिया भर में भोजन और ईंधन की आपूर्ति को लेकर लोगों की आशंकाएं बढ़ने लगी हैं। यूक्रेन का पूर्वी लुहान्स्क क्षेत्र हाल के दिनों में लड़ाई का एक प्रमुख केंद्र बन गया है और रूस इस पर अपना नियंत्रण स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। कई गांवों पर नियंत्रण को लेकर दोनों देशों के बीच लड़ाई जारी है। स्थानीय गवर्नर सेरही हैदई के अनुसार लुहान्स्क क्षेत्र के दो शहरों सिविरोदोनेत्सक और लिसिचन्स्क पर अभी तक रूसी सैनिकों का कब्जा नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों शहरों के आसपास के गांवों पर नियंत्रण के लिए लड़ाई चल रही है और सिविरोदोनेत्सक के औद्योगिक बाहरी इलाकों में रूसी गोलाबारी और हवाई हमले तेज हो गए हैं। एजोत रासायनिक संयंत्र में करीब 500 नागरिकों के साथ कई यूक्रेनी लड़ाकों ने शरण ले रखी है।

