अलग-अलग राज्यों में बोर्ड रिजल्ट्स जारी हो रहे हैं। नतीजों के इस दौर कई जगहों से ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि कम नंबर आने की वजह से स्टूडेंट्स आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसी खबरों के बीच आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसे आईएएस अफसर की कहानी जो काफी प्रेरणादायक हो सकती है।
गुजरात के भरूच जिले के कलेक्टर तुषार सुमेरा की यह कहानी बताती है कि किसी परीक्षा के खराब नतीजे यह तय नहीं करते कि जिंदगी के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं। 2012 बैच के आईएएस अफसर तुषार डी सुमेरा को 10वीं में सिर्फ पासिंग मार्क्स मिले थे। इस परीक्षा में तुषार को गणित में 36, अंग्रेजी में 35 और साइंस में 38 नंबर मिले थे। छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अफसर अवनीश शरण ने ट्विटर पर तुषार की कहानी शेयर की है। अवनीश के मुताबिक, तुषार को उनके स्कूल के साथ उनके गांव में भी यह कह दिया गया था कि वह जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते।
टीचर बनने के बाद भी करते रहे सिविल की तैयारी
तुषार ने अवनीश के ट्वीट को कोट करते हुए शुक्रिया भी लिखा है। बता दें कि भरूच में उत्कर्ष पहल अभियान के तहत किए गए तुषार के कामों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी तारीफ कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, 10वीं के बाद तुषार ने आर्ट्स से 12वीं किया और फिर बीएड करके असिस्टेंट टीचर बन गए। साथ में वह सिविल की तैयारी भी करते रहे और 2012 में यूपीएससी की परीक्षा पास की।
हाल ही में एक छात्रा ने कर लिया था सुसाइड 
अवनीश के ट्वीट पर कई ट्वीटर यूजर्स तुषार की मेहनत और लगन की तारीफ भी कर रहे हैं। आपको बता दें कि लगातार ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जब 8वीं, 10वीं या 12वीं में नंबर कम होने की वजह से अवसाद में चले जाते हैं। हाल ही में राजस्थान में 8वीं की परीक्षा थर्ड डिविजन में पास होने के बाद एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी।


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                