भारत में घटते कोरोना मामलों के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। डीसीजीआई ने देश की पहली मिक्स एंड मैच बूस्टर खुराक के रूप में बॉयोलॉजिकल ई लिमिटेड की वैक्सीन को अनुमति दे दी है। वैक्सीन निर्माता कंपनी बॉयोलॉजिकल ई लिमिटेड ने शनिवार को इसकी घोषणा की है। डीजीसीआई ने बायोलॉजिकल ई की कोविड वैक्सीन कोर्बेवैक्स को 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज के रूप में अनुमति दी है।
इससे पहले ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने पिछले साल 28 दिसंबर को वयस्कों में आपातकालीन स्थितियों में सीमित उपयोग के लिए अनुमति दी थी। साथ ही डीसीजीआई इस साल 9 मार्च को कुछ शर्तों के तहत 12 से 17 वर्ष की आयु वर्ग के लिए कोर्बेवैक्स को मंजूरी दी थी। बायोलॉजिकल ई के कोर्बेवैक्स का उपयोग 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के टीकाकरण के लिए किया जा रहा है।
प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने जारी किया बयान
बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा कि हम इस अनुमोदन से बहुत खुश हैं, जो भारत में COVID-19 बूस्टर खुराक की आवश्यकता को पूरा करेगा। उन्होने कहा कि भारत ने कोरोना टीकाकरण यात्रा में एक और मील का पत्थर पार कर लिया है।
परीक्षण डेटा के अनुमोदन के बाद मिली अनुमति
कंपनी के बयान में कहा गया है कि बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने मंजूरी के लिए डीसीजीआई को अपना परीक्षण डेटा सौंपा था। परीक्षण के आंकड़ों से पता चला है कि कॉर्बेवैक्स बूस्टर खुराक अन्य वैक्सीन की तुलना में ज्यादा प्रभावी है। बयान में कहा गया है कि कॉर्बेवैक्स पूरी तरह से बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड द्वारा टेक्सास चिल्ड्रन हॉस्पिटल और बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के सहयोग से निर्मित की गई है।
कुछ दिन पहले ही कंपनी ने घटाई थी कीमतें
गौरतलब है कि हाल ही में दवा निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल ई ने निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए कॉर्बेवैक्स वैक्सीन की कीमत में कमी की थी। कंपनी ने कॉर्बेवैक्स वैक्सीन की कीमत 840 रुपये प्रति खुराक से घटाकर 250 रुपये कर दी थी। बता दें कि भारत में बच्चों को कॉर्बेवैक्स की 51.7 मिलियन खुराक दी जा चुकी है, जिसमें से 17.4 मिलियन बच्चों को दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं।

