देवबंद (सहारनपुर)। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में चल रहे जमीयत उलेमा-ए- हिंद की बैठक में रविवार को दूसरे दिन कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए हैं। जमीयत ने प्रस्ताव पारित कर कहा है कि समान नागरिक संहिता क़ानून किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं किया जा सकता है। जमीयत के प्रस्ताव में लिखा गया है कि समान नागरिक संहिता क़ानून को लागू करना इस्लाम में हस्तक्षेप करने जैसा होगा।
जमीयत ने कहा है कि समान नागरिक संहिता क़ानून संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है। ये क़ानून भारत के संविधान की धारा 25 में दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के ख़िलाफ़ है। जमीयत के नेताओं ने प्रस्ताव पारित कर कहा है कि केंद्र में सत्तारूढ़ दल के नेता पर्सनल लॉ को ख़त्म करने की मंशा से समान नागरिक संहिता क़ानून लागू करने की बात कर रहे हैं।
हमें पाकिस्तान जाने का मशविरा देने वाले खुद जाएं : मदनी
जमीयत उलेमा-ए- हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद मौलाना महमूद मदनी ने मुस्लिमों को देश छोड़कर पाकिस्तान चले जाने की सलाह देने वालों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग हमें पाकिस्तान जाने का मशविरा देते हैं, यदि उन्हें हमारा मजहब, पहनावा और खानपान पसंद नहीं है तो वह देश छोड़कर कहीं ओर चले जाएं। मदनी ने कहा कि देश में निगेटिव पॉलिटिक्स के लिए मौके की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे देश की शांति व्यवस्था और भाईचारे को नुकसान होगा। जमीअत की बैठक में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा ईदगाह के संबंध में भी प्रस्ताव पारित किया गया है।

