12 देशों में पहुंचा मंकीपॉक्स, डब्लूएचओ ने दी वार्निंग

वाशिंगटन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने मंकीपॉक्स को लेकर चिंता जताई है। डब्लूएचओ ने कहा है कि दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ सकते हैं। जिन देशों में ये बीमारी आमतौर पर नहीं पाई जाती वहां निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। डब्लूएचओ ने बताया कि 12 देशों में 92 मामले मिले हैं। वहीं 28 संदिग्ध केस भी सामने आए हैं। आने वाले दिनों में डब्लूएचओ मंकीपॉक्स को रोकने के लिए बाकी देशों को गाइडलाइन देगा।डब्लूएचओ की ओर से कहा गया कि अभी तक जो जानकारी मिली है उसके हिसाब से मंकीपॉक्स उन लोगों में फैल रहा है जो निकट शारीरिक संपर्क में हैं। मंकीपॉक्स पश्चिम और मध्य अफ्रीका के देशों में पाया जाता है। चेचक के वायरस की ही फैमिली से मंकीपॉक्स जुड़े हैं। मंकीपॉक्स आम तौर पर 6-13 दिनों में अपने लक्षण दिखाने लगते हैं। लेकिन कई बार 5 से 21 दिनों में इनके लक्षण सामने आते हैं।

ये हैं लक्षण

मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ और मांसपेशियों में दर्द होता है। इसी के साथ उसे गंभीर रूप से कमजोरी का अहसास होता है। इसके अलावा इसके दिखने वाले लक्षणों की बात करें तो शरीर पर बड़े-बड़े दाने हो जाते हैं। चेचक की ही तरह ये पूरे शरीर में फैल जाते हैं। डब्लूएचओ के मुताबिक इस वायरस से लोग दो से चार हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। लेकिन कई बार ये जानलेवा साबित हो सकती है। इस वायरस से 11 फीसदी संक्रमितों की मौत हो जाती है।


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