रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया स्वदेश निर्मित दो युद्धपोतों को एक साथ लॉन्च

दोनों युद्धपोतों को डीएनडी ने खुद किया है डिजाइन

-सूरत में रडार को चकमा देने की प्रणाली, उदयगिरि में भी उन्नत तकनीक

मुंबई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई के मझगांव डॉक पर मंगलवार को स्वदेश निर्मित दो युद्धपोतों ‘सूरत’ और ‘उदयगिरी’ का जलावतरण किया। उन्होंने कहा कि इससे नौसेना के आयुध भंडार की शक्ति बढ़ेगी और दुनिया के सामने भारत की रणनीतिक क्षमता प्रदर्शित होगी। मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) ने एक बयान में बताया कि पहली बार स्वदेश निर्मित दो युद्धपोतों का एक साथ जलावतरण किया गया है। दोनों युद्धपोतों को नौसेना डिजाइन निदेशालय (डीएनडी) ने अपने यहां डिजाइन किया है और एमडीएल, मुंबई में इनका निर्माण किया गया है।

भविष्य की आवश्यकताएं होंगी पूरी : राजनाथ

समारोह में सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि दोनों युद्धपोत दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत मिसाइल वाहक होंगे, जो वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकताओं को भी पूरा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले समय में हम न केवल अपनी जरूरतों को पूरा करेंगे, बल्कि दुनिया की जहाज निर्माण की जरूरतों को भी पूरा करेंगे।

अंतिम विध्वंसक पोत है सूरत

नौसेना ने बताया कि जहाज ‘सूरत’, प्रोजेक्ट 15बी कार्यक्रम के तहत बनाया जाने वाला चौथा और अंतिम विध्वंसक पोत है, जिसमें रडार को चकमा देने की प्रणाली है। यह पी15ए (कोलकाता श्रेणी) विध्वंसक के एक महत्वपूर्ण बदलाव का परिचायक है। गुजरात की वाणिज्यिक राजधानी और मुंबई के बाद पश्चिमी भारत के दूसरे सबसे बड़े वाणिज्यिक केंद्र सूरत शहर के नाम पर इसका नाम रखा गया है। प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टेल्थ (रडार को चकमा देने में सक्षम) निर्देशित मिसाइल विध्वंसक हैं, जिन्हें मुंबई में मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में बनाया जा रहा है।

आंध्र प्रदेश की पर्वत श्रृंखला के नाम पर उदयगिरि

दूसरा पोत ‘उदयगिरि’ ‘प्रोजेक्ट 17ए’ फ्रिगेट कार्यक्रम का हिस्सा है। ‘उदयगिरि’ पोत का नाम आंध्र प्रदेश की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा पोत है। यह पी17 फ्रिगेट (शिवालिक श्रेणी) का उन्नत संस्करण है, जो बेहतर हथियार, सेंसर तथा मंच प्रबंधन प्रणाली से लैस है।

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