रायपुर, 17 मई 2022
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कृषि वैज्ञानिकों से आव्हान किया है कि वे बदलते वैश्विक परिवेश के अनुरूप राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की आवश्यकताओं एवं मांग को ध्यान में रखते हुए अनुसंधान कार्य करें। उन्होंने कहा कि विभिन्न फसलों की ऐसी किस्में विकसित की जानी चाहिए जिनकी किसानों के बीच ज्यादा मांग है। इसके साथ ही खेती की लागत कम करने तथा किसान की आय बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। डॉ. चंदेल आज यहां कृषि महाविद्यालय, रायपुर के सभाकक्ष में विभिन्न कृषि अनुसंधान परियोजनाओं से जुड़े हुए वैज्ञानिकों को संबोधित कर रहे थे। डॉ. चंदेल ने कृषि अनुसंधान कार्याें में केन्द्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने पर बल दिया। कुलपति डॉ. चंदेल ने इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय, रायपुर के नवीनीकृत सभाकक्ष का लोकार्पण भी किया।
कृषि वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. चंदेल ने कहा की आज देश में कृषि के क्षेत्र में अनेक चुनौतियां विद्यमान है जिनमें मौसम का बदलता मिजाज़, खेती की बढ़ती लागत, कम उत्पादकता और अधिक जोखिम मुख्य रूप से शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को इन चुनौतियों से निबटते हुए कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने तथा किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए अनुसंधान कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि फसलों की ऐसी किस्में विकसित की जानी चाहिए जो मौसम की विषमताओं का सामना करने में सक्षम हो तथा अधिक उत्पादन देने में समर्थ हों। उन्होंने कहा कि युवा वैज्ञानिकों को अपने अनुसंधान एवं उत्पाद को पेटेन्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। डॉ. चंदेल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित बीजों को किसानों एवं खुले बाजार में ‘‘इंदिरा बीज’’ के नाम से विक्रय किया जाएगा।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने कृषि वैज्ञानिकों से किया आह्वान … अन्तर्राष्ट्रीय बाजार मांग एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए करें अनुसंधान

