16 मई को वैशाख पूर्णिमा की तिथि है और इसी दिन साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही लगता है। 15 मई को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी। चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि और विशाखा नक्षत्र में लगेगा। भारत में इस चंद्रग्रहण को देखा नहीं जा सकेगा जिसके कारण सूतक काल प्रभावी नहीं रहेगा। आइए जानते हैं 16 मई को लगने वाले चंद्र ग्रहण की खास बातें…
चंद्र ग्रहण लगने का समय
16 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण इस साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा और इस ग्रहण की अवधि कुल मिलाकर 1 घंटे 24 मिनट की होगी। भारतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण 16 मई के दिन सुबह 08 बजकर 59 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण
साल 2022 का पहला यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इससे पहले 30 अप्रैल को भी सूर्य ग्रहण लगा था वह भी भारत में नहीं दिखाई दिया था। यह चंद्रग्रहण यूरोप,दक्षिण-पश्चिमी एशिया,अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका,दक्षिण अमेरिका,प्रशांत महासागर,हिंद महासागर,अटलांटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का सूतककाल
भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक नजरिए से सूतक काल को अशुभ माना जाता है। चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल का समय ग्रहण के शुरू होने के 9 घंटे पहले लग जाता है। सूतककाल के दौरान किसी भी तरह का शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है ऐसी मान्यताएं पौराणिक काल से चली आ रही है।
इस राशि में लगेगा चंद्र ग्रहण
साल का पहला चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा। ऐसे में इस राशि के जातकों को सावधानी बरतनी होगी। जातकों को मानसिक तनाव भी हो सकती है।
चंद्र ग्रहण पर शनि और गुरु की स्थिति
16 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण विशेष ज्योतिषीय योग में होगा। चंद्र ग्रहण के दौरान देवगुरु बृहस्पति मीन राशि में और शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान होंगे।
चंद्र ग्रहण के दौरान भूलकर न करें ये काम
– ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।
– ग्रहण के दौरान न ही भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए।
– ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए।
– ग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए।
चंद्र ग्रहण में क्या करें
– ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।
– ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।
– ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
– ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।

