कांग्रेस चिंतन शिविर में फैसला… वन टिकट, वन फैमिली का फार्मूला लागू

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सोनिया गांधी बोलीं- नफरत फैला कर अल्पसंख्यकों को दबा रही सरकार

राहुल गांधी और सोनिया गांधी राहुल गांधी और सोनिया गांधी

नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस के तीन दिनी चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। सोनिया गांधी ने कहा, मौजूदा केंद्र सरकार नफरत फैला कर अल्पसंख्यकों को दबा रही है। कांग्रेस चिंतन शिविर में परिवारवाद पर गहन मंथन हुआ है। खबर है कि जल्द ही पार्टी वन टिकट वन फैमिली का फॉर्मूला निकाल सकती है। अगर ऐसा होता है तो एक परिवार से सिर्फ एक टिकट मिलने का मौका रहने वाला है।

शिविर के पहले दिन सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने कहा, भाजपा-आरएसएस की नीतियों की वजह से देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस पर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। शिविर में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के देशभर के 400 बड़े नेता इसमें शामिल हुए हैं।

परिवार से सिर्फ एक सदस्य को मिलेगा टिकट

पार्टी महासचिव अजय माकन ने बताया कि चिंतन शिविर में एक परिवार एक टिकट पर चर्चा की जा रही है। इस पर सभी एकमत हैं। उन्होंने कहा, अगर परिवार के किसी अन्य सदस्य को टिकट लेना है, तो उसे पार्टी में 5 साल काम करना होगा। उन्होंने कहा कांग्रेस में काम करने की व्यवस्था बहुत पुरानी है।

50 प्रतिशत सीट 50 से कम वालों को

कांग्रेस नेता माकन ने यह भी बताया कि संगठन में स्थानीय समिति से लेकर कांग्रेस कार्य समिति तक, हर जगह 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के लोगों को दिए जाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। इस चिंतन शिविर के माध्यम से इसमें आमूल-चूल परिवर्तन किया जाएगा।

कांग्रेस अब मंडल समिति भी बनाएगी

चिंतन शिविर के लिए बनी कांग्रेस की संगठन संबंधी समन्वय समिति के सदस्य माकन ने कहा, संगठन का निचला स्तर बूथ समिति का होता है। ब्लॉक समिति के नीचे बूथ आते हैं। लेकिन अब इनके बीच में, मंडल समिति बनाने का प्रस्ताव है। हर मंडल समिति में 15 से 20 बूथ होंगे। इस पर सर्वसम्मति भी है।

पांच साल पद के बाद कूलिंग पीरियड हो

माकन ने बताया कि यह भी प्रस्ताव भी है कि संगठन में किसी पद पर कोई व्यक्ति अधिकतम पांच साल रहे और फिर उसके पद पर आसीन होने के लिए तीन साल का कूलिंग पीरियड हो। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण और इस तरह के अन्य कार्यों के लिए पार्टी में पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट” बनाने का भी प्रस्ताव है।

पदाधिकारियों के कामकाज की जांच-परख

माकन ने कहा, इसके अलावा यह भी प्रस्ताव है कि पदाधिकारियों के कामकाजी प्रदर्शन की जांच परख के लिए आकलन इकाई (असेसमेंट विंग) बने ताकि अच्छी तरह काम करने वालों को जगह मिले और काम नहीं करने वालों को हटाया जाए।

इन मुद्दों पर होना है चिंतन शिविर में चिंतन

कांग्रेस के चिंतन शिविर में तीन दिनों में छह बड़े मुद्दों पर चिंतन मंथन होगा। हालांकि 6 मुद्दे देश की राजनीतिक आर्थिक सामाजिक कृषि और युवाओं से जुड़े हुए मसले हैं जिन पर पार्टी अपना विजन देश के सामने रखेगी। इन्हीं मुद्दों के जरिए आज कांग्रेस देश की सियासत में आने वाले दिनों का रोडमैप तय करेगी।

एक बार फिर साहस का परिचय देने की जरूरत : सोनिया

सोनिया गांधी ने कहा एक बार फिर से साहस का परिचय देने की जरूरत है। हम विशाल प्रयासों से ही बदलाव ला सकते हैं, हमें निजी अपेक्षा को संगठन की जरूरतों के अधीन रखना होगा। पार्टी ने बहुत दिया है। अब कर्ज उतारने की जरूरत है। हमें सुधारों की सख्त जरुरत है। ये सबसे बुनयादी मुद्दा है।

लोगों में लगातार भय व असुरक्षा की स्थिति

सोनिया गांधी ने कहा, अब तक यह पूरी तरह से और दर्दनाक रूप से स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार के कारण लोगों में लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से निशाना बनाना और उन पर अत्याचार करना जो हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं.

भाजपा-संघ के कारण देश में चुनौतियां

सोनिया ने कहा, ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है। भाजपा-आरएसएस की नीतियों की वजह से देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस पर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है। कांग्रेस में ढांचागत सुधार की बहुत जरूरत है।

चिंतन शिविर में नहीं पहुंचे हार्दिक पटेल

चिंतन शिविर में शामिल होने गुजरात कांग्रेस के कद्दावर नेता हार्दिक पटेल को भी न्यौता भेजा गया था लेकिन वे कांग्रेस के चिंतन शिविर में नहीं पहुंचे। पिछले दिनों से हार्दिक पटेल की कांग्रेस से नाराजगी की खबरें लगातार आ रही हैं। इतना ही नहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि वे बीजेपी में भी शामिल हो सकते हैं।

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