एक्शन में सीबीआई… गृह मंत्रालय के 6 अफसरों सहित 14 को धर दबोचा

नई दिल्ली। सीबीआई ने मंगलवार को 40 स्थानों पर छापेमारी के सिलसिले में गृह मंत्रालय के 6 अफसरों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, असम और मणिपुर में 40 स्थानों पर छापेमारी की थी।

सीबीआई ने छापेमारी करने के बाद गृह मंत्रालय और एनआईसी के एफसीआरए डिवीजन के सात लोक सेवकों सहित 36 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस आरोप पर कि एफसीआरए डिवीजन के कुछ अधिकारी प्रमोटरों, विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधियों और बिचौलियों के साथ साजिश कर रहे थे और एफसीआरए पंजीकरण और एनजीओ के नवीनीकरण के लिए भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे। वे निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करने के बावजूद दान प्राप्त करना जारी रखने के उद्देश्य से अवैध रूप से ऐसा कर रहे थे। लोक सेवक उक्त प्रथाओं में लिप्त थे और एफसीआरए के तहत पंजीकरण और पंजीकरण के नवीनीकरण और अन्य एफसीआरए से संबंधित कार्यों के लिए गैर सरकारी संगठनों से रिश्वत प्राप्त कर रहे थे। जांच के दौरान दो आरोपितों को गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ लेखापाल की ओर से चार लाख रुपए की रिश्वत लेते व लेते हुए पकड़ा गया। आरोप था कि रिश्वत की डिलीवरी हवाला ऑपरेटर के जरिए की जाती थी।

40 स्थानों पर मारा था छापा

सीबीआई ने मंगलवार को दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, असम और मणिपुर में 40 स्थानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने गृह मंत्रालय और एनआईसी के एफसीआरए डिवीजन के सात लोक सेवकों सहित 36 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

चार सीबीआई अधिकारी गिरफ्तार, बर्खास्त

इधर, सीबीआई ने पैसे ऐंठने के लिए चंडीगढ़ में एक कंपनी के यहां अनधिकृत छापेमारी करने के आरोप में अपने चार सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के बाद बर्खास्त कर दिया है। भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की एजेंसी की नीति के तहत सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने इस शर्मनाक प्रकरण के उनके संज्ञान में लाए जाने के बाद आरोपी अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने के निर्देश जारी किए। उन्होंने बताया कि सुमित गुप्ता, प्रदीप राणा, अंकुर कुमार और आकाश अहलावत को फर्जी छापे से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एजेंसी ने हिरासत में ले लिया। ये सभी सीबीआई की दिल्ली स्थित इकाइयों में सब-इंस्पेक्टर थे। यह मामला तब सामने आया जब चंडीगढ़ के एक व्यवसायी ने सीबीआई से शिकायत की कि 10 मई को सीबीआई अधिकारियों सहित छह लोग उसके कार्यालय में आए और धमकी दी कि आतंकवादियों का समर्थन करने और उन्हें धन मुहैया कराने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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