कोलंबो। श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धना ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से कहा कि वे अभूतपूर्व हिंसा और कई दशक में देश के सर्वाधिक खराब आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए जल्द से जल्द सदन का सत्र बुलाएं। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। सार्जेंट-एट आर्म्स (संसद का अधिकारी जिसके दायित्व में व्यवस्था व सुरक्षा कायम रखना आता है) नरेंदा फर्नांडो ने ‘डेली मिरर’ को बताया कि अध्यक्ष द्वारा सिर्फ मौजूदा संकट पर चर्चा के लिये सदन को बुलाने के प्रावधान हैं। खबर में बताया गया कि मंगलवार या इस हफ्ते किसी भी दिन सत्र बुलाया जाएगा।
श्रीलंका में सरकार समर्थकों और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का इस्तीफा मांग रहे विरोधियों के बीच हुई झड़प में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर मंगलवार को आठ हो गई तथा 200 से अधिक लोग घायल हो गए श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के बीच महिंदा राजपक्षे (76) ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे कुछ ही घंटों पहले, उनके समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था, जिसके कारण प्राधिकारियों को राजधानी में सैन्य बलों को तैनात करना पड़ा और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस हिंसा के दौरान हंबनटोटा में राजपक्षे के पैतृक आवास सहित कई नेताओं के आवासों में आगजनी की गई।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार मध्यरात्रि से देश में आपातकाल की घोषणा कर दी थी। यह लगभग एक महीने में दूसरा मौका था जब भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे इस द्वीपीय राष्ट्र में आपातकाल लगाया गया है।
श्रीलंका में हुई हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर आठ हुई
कोलंबो, 10 मई (भाषा) श्रीलंका में सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई झड़प में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर मंगलवार को आठ हो गई तथा 200 से अधिक लोग घायल हो गए। देश में आर्थिक संकट के कारण भोजन, ईंधन और ऊर्जा की भारी कमी पैदा होने के बीच सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने हमला कर दिया था, जिसके बाद श्रीलंका में हिंसा भड़क गई। श्रीलंका में घोर आर्थिक संकट के बीच महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे कुछ ही घंटों पहले, उनके समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था, जिसके कारण प्राधिकारियों को राजधानी में सैन्य बलों को तैनात करना पड़ा और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस हिंसा के दौरान हंबनटोटा में राजपक्षे के पैतृक आवास सहित कई नेताओं के आवासों में आगजनी की गई।
0000000

