रात में दही और दिन में खाने के तुरंत बाद नहाना, आयुर्वेद डॉक्‍टर ने बताया इसे सबसे बड़ा गुनाह

सही पाचन स्वस्थ जीवन की कुंजी है। इसलिए हमेशा यह देखना चाहिए कि आप क्या खा रहे हैं। ये तो हम सभी जानते हैं कि समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आंत का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। जबकि सही पाचन के लिए व्यक्ति को सही साहार और शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देने की भी जरूरत है। हालांकि, जीवनशैली की आपकी कुछ खराब आदतें अपच और आंत से संबंधित मामलों को बढ़ा सकती हैं।

इसलिए इन आदतों से बचना बेहद जरूरी है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने उन पांच गलतियों के बारे में बताया है , जो वास्तव में अपच का कारण बनती हैं। उन्होंने लिखा है कि- ‘बिना किसी दवा के अपने पाचन को बेहतर बनाने के लिए अपनी दिनचर्या में पांच गलतियों को करने से बचना चाहिए’।

रात में दही का सेवन करना

क्या आप जानते हैं कि लंच करने का एक निश्चित समय क्या होता है। आयुर्वेद की मानें, तो दोपहर में 2 बजे तक भोजन करना अच्छा होता है। यह दिन का वह समय है, जब पित्त ताकतवर होता है। इस समय खाना बहुत आसानी से पच जाता है। सिर्फ इसी वजह से आयुर्वेद दोपहर की मील को सबसे जरूरी मानता है। डॉ.भावसार लोगों को सलाह देती हैं कि दोपहर में 2 बजे तक खाना खा लेना चाहिए।
​भोजन करने के ठीक बाद टहलना

वैसे तो तेज चलना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। लेकिन अगर आप भोजन करने के ठीक बाद वॉक करते या पैदल चलते हैं, तो आपको इस आदत को सुधार करना होगा। आयुर्वेद में भोजन के ठीक बाद वॉक करने की सलाहनहीं दी जाती। डॉ.भावसार के अनुसार, लंबी दूरी तक चलने, तैरने, व्यायाम करने जैसी गतिविधियां वात को बढ़ाने के साथ पाचन में बाधा पैदा करती हैं, जिससे पेट में गैस, पोषण का अधूरा अवशोषण और भोजन के बाद बेचैनी महसूस होती है।
​भोजन के तुरंत बाद स्नान करना

आयुर्वेद के अनुसार, हर गतिविधि के लिए एक निश्चित समय होता है, इस लिहाज से भोजन के ठीक बाद स्नान करने से पाचन क्रिया गड़बड़ा जाती है। डॉ. भावसार ने कहा कि- ‘ऐसा माना जाता है कि भोजन करने के अगले दो घंटों में स्नान करने नहीं जाना चाहिए। दरअसल, शरीर में अग्रि तत्व भोजन के पाचन के लिए जिम्मेदार होता है, इसलिए जब आप भोजन करते हैं, तो अग्रि तत्व सक्रिय हो जाता है और अच्छे पाचन के लिए ब्लड सुकर्लेशन को बढ़ाता है। लेकिन जब आप नहाते हैं, तो शरीर का तापमान नीचे चला जाता है और पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है’।
​भोजन के ठीक बाद सोने जाना

अगर आप भोजन करने के ठीक बाद सोने चले जाते हैं, तो अपनी इस आदत को बदल लें। आयुर्वेद के अनुसार, भोजन करने और सोने के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर रखना चाहिए। डॉ.भावसार कहती हैं कि नींद के दौरान बॉडी रिपेयरिंग का काम करती है, जबकि मन दिनभर के विचारों, भावनाओं और अनुभवों का संग्रहित करता है। अगर शरीर की ऊर्जा को पाचन में बदल दिया जाए, तो शारीरिक पाचन और मानसिक पाचन प्रक्रिया रूक जाती है। इस कारण विशेषज्ञ सलाह देती हैं कि दिन का भोजन हल्का हो और रात में भोजन करने और सोने के बीच में 3 घंटे का गैप हो।

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