-परिसीमन आयोग ने जारी की अंतिम रिपोर्ट
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को लेकर गठित तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग ने अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले गुरुवार को हस्ताक्षरित अपने अंतिम आदेश में कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 47 जबकि जम्मू में 43 रखने की अनुशंसा की है। ऐसी संभावना है कि अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व वाले आयोग द्वारा अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद एक राजपत्रित अधिसूचना जारी की गई। अंतिम आदेश में जम्मू में छह जबकि कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा गया है। सीटों के पुनर्निर्धारण के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की कुल संख्या 90 हो जाएगी। फिलहाल इनकी संख्या 86 है जिनमें से 37 सीटें जम्मू में जबकि 46 कश्मीर में हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त, परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य हैं। आयोग ने सिफारिश की है कि केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा में कम से कम दो सदस्य मनोनीत हों, जिनमें से एक कश्मीरी प्रवासी समुदाय की महिला हो। आयोग ने एक बयान में कहा कि इनकी संख्या पुडुचेरी विधानसभा के मनोनीत सदस्यों के बराबर होनी चाहिए और उन्हें वोट देने का अधिकार हो। आयोग ने पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए नौ सीटों का प्रस्ताव किया है। मार्च 2020 में गठित आयोग को पिछले साल, एक साल का विस्तार दिया गया था। फरवरी में, आयोग का कार्यकाल फिर से दो महीने के लिए बढ़ाया गया। पहले इसका कार्यकाल छह मार्च को समाप्त होना था।
—
प्रस्तावित तस्वीर
कुल सीटें: 90
कश्मीर संभाग : 47
जम्मू संभाग: 43
अनुसूचित जाति: 07
अनुसूचित जनजाति : 09
–
शाह ने कहा था, अगले आठ महीने में चुनाव
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव अक्टूबर तक हो सकते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने फरवरी में कहा था कि परिसीमन की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है। अगले छह से आठ महीने में विधानसभा के चुनाव होंगे। इसमें किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव अमरनाथ यात्रा के बाद कराना ज्यादा मुफीद माना जा रहा है क्योंकि यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए केंद्रीय बल प्रदेश में मौजूद रहेंगे। चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त तामझाम नहीं करना होगा।
–
प्रत्येक लोकसभा में होंगे 18 विधानसभा क्षेत्र
जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों में भी परिसीमन आयोग ने फेरबदल किया है। अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें होंगी। पहले जम्मू संभाग में उधमपुर डोडा व जम्मू तथा कश्मीर में बारामुला, अनंतनाग व श्रीनगर की सीटें थीं। नई व्यवस्था के तहत अनंतनाग सीट को अब अनंतनाग-राजोरी पुंछ के नाम से जाना जाएगा यानी जम्मू सीट से दो जिले राजोरी व पुंछ निकालकर अनंतनाग में शामिल कर किए गए हैं। प्रत्येक लोकसभा सीट में 18 विधानसभा सीटें होंगी। उधमपुर सीट से रियासी जिले को निकालकर जम्मू में जोड़ा गया है।
–
सात सीटें बढ़ीं, इनमें छह जम्मू व एक कश्मीर में
राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार विधानसभा की सात सीटें बढ़ाई जानी हैं। इससे विधानसभा में सदस्यों की संख्या 83 से बढ़कर 90 की जानी हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले विधानसभा में सीटों की संख्या 87 थी जिसमें चार सीटें लद्दाख की थीं। लद्दाख के अलग होने से 83 सीटें रह गईं, जो बढ़ने के बाद 90 हो जाएंगी। परिसीमन आयोग ने सात सीटों में एक सीट कश्मीर और छह सीटें जम्मू संभाग में बढ़ाई हैं।

