आतंकवादियों को लोकल गाइड ने दिया खाना, छिपने में की मदद

-कठुआ अटैक के पहले की गई थी रेकी

-कश्मीर में हुए इस हमले में 5 जवान हुए हैं शहीद

-अटैक में पाकिस्तानी आतंकी शामिल

-अमेरिका में बने एम4 कार्बाइन राइफल किया गया था इस्तेमाल

(फोटो : आर्मी अफसर)

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हुए हैं जबकि पांच जवान घायल हुए हैं। आतंकियों की खोजबीन के लिए सेना का सर्च ऑपरेशन जारी है। इस बीच सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आतंकियों ने इस हमले को अंजाम देने से पहले इलाके की रेकी की थी। यह हमला ऐसे समय पर किया गया, जब सुरक्षाबल कठुआ के बडनोटा में तलाशी अभियान चला रहे थे। तभी आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। सूत्रों का कहना है कि बडनोटा गांव में रोड कनेक्टिविटी सही नहीं है। यहां वाहन दस से पंद्रह किलोमीटर प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार पर वाहन नहीं चला सकते। सूत्रों का कहना है कि कच्ची सड़क होने की वजह से सेना के वाहन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। दो से तीन आतंकी और कुछ स्थानीय गाइड पहाड़ियों के ऊपर हैं। आंतकियों ने पहले सेना के वाहनों पर ग्रेनेड फेंके और फिर फायरिंग की. यहां पहले हुए हमलों की तरह ड्राइवर को भी निशाना बनाया गया। सूत्रों का कहना है कि इलाके में रेकी के लिए स्थानीय गाइड ने आतंकियों की मदद की थी। इन गाइडों ने आतंकियों को खाना भी मुहैया कराया था और उन्हें पनाह दी थी। हमले को अंजाम देने के बाद इन स्थानीय गाइड ने आतंकियों को छिपने में भी मदद की थी।

हमले में पाकिस्तानी आतंकी थे शामिल

सूत्रों का कहना है कि इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे। इन आतंकियों के पास अमेरिका में बने एम4 कार्बाइन राइफल, एक्सप्लोसिव डिवाइस और अन्य हथियार हैं। ऐसा भी लग रहा है कि आतंकी हमले के बाद बचकल भाग निकलने में कामयाब रहे।

हमले में 2-3 आतंकी हो सकते हैं शामिल

देर रात तक सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को कोई सफलता नहीं मिल सकी। सर्च ऑपरेशन जारी है। जंगल के अंदर आतंकी हमले की सटीक जगह का पता लगाया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक हमले में 2 से 3 आतंकी शामिल हो सकते हैं। उम्मीद है कि आतंकियों के साथ उनके स्थानीय समर्थक भी थे, जिन्होंने उन्हें रास्ता बताने में मदद की। आतंकियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा जवानों को हताहत करने का था। वह अपने साथ अत्याधुनिक हथियार लेकर आए थे।

पैरा कमांडो चला रहे सर्च ऑपरेशन तैनात

सेना के पैरा कमांडो (एसपीएल फोर्स) को कठुआ के दूरदराज के माचिन्डी-मल्हार क्षेत्र में हवाई मार्ग से उतारा गया है। उन्हें काउंटर ऑपरेशन में तैनात किया गया है। ताकि उन आतंकवादियों के खिलाफ समय पर प्रभावी काउंटर ऑपरेशन सुनिश्चित किया जा सके। जो आतंकवादी भाग रहे हैं और क्षेत्र से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। उन पर शिकंजा कसने की तैयारी है।

राजौरी में सेना के शिविर पर आतंकी हमला

जम्मू कश्मीर के राजौरी में दो दिन पहले ही भारतीय सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले का मामला सामने आया था। इस अटैक में आर्मी का एक जवान घायल हो गया था। आतंकवादियों ने सेना के शिविर पर गोलीबारी की थी। इस दौरान सतर्क सुरक्षा चौकी पर तैनात जवान भी ने आतंकवादियों पर गोलीबारी की थी। घटना के वक्त सेना का जवान घायल हो गया था। आतंकवादी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे थे। दूसरी ओर इस हमले के कुछ घंटों बाद ही चिनिगाम गांव में गोलीबारी की एक और घटना हुई थी। सेना को लश्कर ग्रुप के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद सुरक्षा बल उस क्षेत्र में पहुंच गए थे। दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी।

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