यूक्रेन में बच्चों के अस्पताल पर मिसाइल अटैक, 24 की मौत

-रूस ने राजधानी कीव को बनाया निशाना, कई लाशें मलबे में दबीं

(फोटो : यूक्रेन अटैक)

कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जंग को दो साल से अधिक का वक्त हो गया है लेकिन, नतीजा अभी तक नहीं निकल पाया। रूसी सेना लगातार यूक्रेनी शहरों को तबाह कर रही है। सोमवार को रूसी सेना का कहर यूक्रेन की राजधानी कीव के कई इलाकों पर बरपा। दर्जनों मिसाइल हमलों में कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई। रूसी सेना ने कीव में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला बोला। इससे अस्पताल मलबे में तब्दील हो गया है। कई लाशें अभी भी मलबे में दबी हैं। जिन्हें निकालने के लिए राहत-बचाव कार्य जारी है। अधिकारियों का कहना है कि मलबे में जिंदगी की तलाश की जा रही है।

यूक्रेन की राजधानी कीव में बच्चों के एक अस्पताल ओखमाटडिट चिल्ड्रेन हॉस्पिटल पर रूस ने सोमवार को हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया और अन्य स्थानों पर भी जमकर बमबारी की। दिन के समय हुई बमबारी के बाद जीवित बचे लोगों की तलाश में दर्जनों स्वयंसेवक, डॉक्टर और बचावकर्मी ओखमाडाइट बाल चिकित्सा अस्पताल के एक हिस्से के मलबे की खुदाई कर रहे हैं। रूसी सेना ने मध्य यूक्रेन के एक अन्य शहर कीर्वी रीह पर भी हवाई हमला किया। इस हमले में कम के कम 10 लोगों की मौत हो गई। रूसी सेना का यह हमला कई महीनों में कीव पर सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है। यूक्रेनी वायु सेना ने एक बयान में कहा कि दिन के उजाले में किए गए हमलों में किंजल हाइपरसोनिक प्रक्षेपास्त्र शामिल थे, जो सबसे उन्नत रूसी हथियारों में से एक है। किंजल ध्वनि की गति से 10 गुना अधिक रफ्तार से उड़ता है, जिससे इसे रोकना लगभग नामुमकिन होता है। विस्फोटों से शहर की इमारतें हिल गईं।

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पांच शहरों में 40 से अधिक मिसाइलों से हमला

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि रूस ने विभिन्न प्रकार की 40 से अधिक मिसाइलों से पांच शहरों को निशाना बनाया। अधिकारियों ने कहा कि रूस ने सोमवार को यूक्रेन भर के शहरों पर दर्जनों मिसाइलें दागीं, जिसमें कम से कम 24 लोग मारे गए। शुरुआती हमलों के कुछ घंटों बाद यूक्रेनी शहरों में सायरन की आवाज सुनाई दे रही थी, जिससे लोगों को अपनी जान बचाने के लिए शेल्टरों का आश्रय लेना पड़ा। बता दें कि रूस का यह हमला तब हुआ है जब ज़ेलेंस्की ने वाशिंगटन में नाटो शिखर सम्मेलन में जाने से पहले वारसॉ का दौरा किया। जहां उन्हें सहयोगियों से अधिक सैन्य समर्थन की अपील करने की उम्मीद थी। उधर, नाटो ने भी यूक्रेन की मदद के लिए अपनी सेना उतारने की बात कही है। जिससे रूस बौखलाया हुआ है।

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