विश्व की मीडिया पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोटर्स सैन्स फ्रंटियर्स ने जारी की रिपोर्ट
-नेपाल को छोड़कर भारत के शेष पड़ोसी देशों की भी गिरी रेटिंग
-सूची में पहले स्थान पर नार्वे, जबकि उत्तर कोरिया सबसे निचले पायदान पर
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नई दिल्ली। विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत पिछले साल से आठ अंक फिसलकर इस साल 150वें स्थान पर पहुंच गया है। विश्व की मीडिया पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था रिपोटर्स सैन्स फ्रंटियर्स (आरएसएफ-2022) के सूचकांक में नेपाल को छोड़कर बाकी भारत के पड़ोसी देशों का भी स्थान नीचे गिरा है। नेपाल 30 अंक ऊपर चढ़कर 76वें स्थान पर पहुंच गया है। पाकिस्तान( 157), श्रीलंका (146), बांग्लादेश (162), म्याम्यार (176) और चीन दो स्थान ऊपर चढ़कर 175वें स्थान पर है। सूची में पहले स्थान पर नार्वे, दूसरे पर डेनमार्क, तीसरे स्वीडन और चौथे पर एस्टोनिया है। जबकि उत्तर कोरिया 180 देशों की सूची में सबसे निचले स्थान पर है। यूक्रेन से जंग लड़ रहे रूस का भी स्थान 5 स्थान गिर कर 155 पर पहुंच गया है।
भारत को मिली सलाह
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और अन्य मानवाधिकार संस्थाओं ने भारतीय प्राधिकारियों से पत्रकारों को उनके काम के लिए निशाना बनाने या ऑनलाइन आलोचना से बचने की सलाह दी है। इसके अलावा, आतंकवाद विरोधी और राजद्रोह कानून को लेकर अभियोग न चलाने व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करने भी कहा है।
जीवंत और स्वतंत्र प्रेस किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र की आधारशिला: ब्लिंकन
जीवंत और स्वतंत्र प्रेस किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र की आधारशिला होती है, यह कहना है अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि प्रेस की स्वतंत्रता सहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मुद्दों को वर्तमान में गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को वाशिंगटन फॉरेन प्रेस सेंटर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि दुनियाभर में सरकारों के साथ-साथ आतंकवादी समूहों और आपराधिक संगठनों की ओर से पत्रकारों को धमकी दी है, परेशान किया, कैद किया और यहां तक कि हर हफ्ते उन पर हमले तक कराए गए हैं।

