–न्यायिक आयोग ने प्रत्यक्षदर्शियों से की मुलाकात, एसआईटी ने भी जुटाई जानकारी
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खास बातें
00 डीएम-एसपी के साथ प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए गए
00 सेवादार, घायल और अनुयायियों से भी हो रही पूछताद
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इंट्रो
हाथरस भगदड़ को लेकर जांच शुरू हो गई है। पुलिस, न्यायिक आयोग अपने-अपने तरीके से पूछताछ कर रही है। इस बीच, एसआईटी जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। दो सदस्यीय जांच टीम हाथरस के डीएम-एसपी सहित अब तक सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इसमें सेवादार, घायल और अनुयायियों के साथ ही आसपास के ग्रामीण भी शामिल हैं। यह भी तथ्य सामने आया कि मंच से चरणरज लेने को अनाउंसमेंट किया गया जिसके बाद भगदड़ मची।
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आगरा/हाथरस। उत्तर प्रदेश सरकार के न्यायिक आयोग के दल ने हाथरस में दो जुलाई को मची भगदड़ की घटना के प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों के अलावा अधिकारियों से रविवार को बातचीत की। इधर, एसआईटी ने कई प्रत्यक्षदर्शियों से बातची की। उनके अनुसार सत्संग समारोह में आयोजकों ने गलत रास्ते का चयन किया था। प्रवचन समाप्त होने के बाद सूरजपाल सिंह (नारायण साकार विश्व हरि) का काफिला जब निकाला गया तो अनुयायी जीटी रोड पर उनके पास पहुंच गए। वहां चरणरज लेने वालों से सेवादारों ने धक्का-मुक्की कर दी। इस वजह से भगदड़ मची और 121 लोगों की जान चली गई। एटा-अलीगढ़ रोड पर आयोजन स्थल पर सड़क के एक ओर मंच बनाया था। मंच से जीटी रोड तक के लिए सूरजपाल के निकलने का जो रास्ता बनाया गया, वह बाएं हाथ से अलीगढ़ की तरफ मिलाया गया था।
यहां से एटा जाने के लिए सूरजपाल को मंच के सामने का पूरा रास्ता तय करना पड़ रहा था। यही वजह रही कि जीटी रोड पर जब सूरजपाल की गाड़ी पहुंची तो उससे पहले ही सैकड़ों अनुयायी आ गए। वहां चरणरज लेने वालों के साथ धक्का-मुक्की से लोग सड़क के दूसरी ओर दलदल में जा गिरे।
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अब तक सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी भी इस घटना की जांच कर रहा है। दो सदस्यीय टीम हाथरस के डीएम-एसपी सहित अब तक सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। इसमें सेवादार, घायल और अनुयायियों के साथ ही आसपास के ग्रामीण भी शामिल हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं। कुलश्रेष्ठ ने बताया था कि उन्होंने भगदड़ में साजिश के पहलू को खारिज नहीं किया है और कहा कि अब तक एकत्र किए गए साक्ष्य सत्संग आयोजकों के दोषी होने का संकेत देते हैं।
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न्यायिक आयोग ने भी की पूछताछ
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय दल में आईएएस के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और आईपीएस के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार भी शामिल हैं। यह दल शनिवार को हाथरस पहुंचा और राष्ट्रीय राजमार्ग 91 पर फुलराई गांव के समीप भगदड़ स्थल का निरीक्षण किया। रविवार सुबह न्यायिक आयोग के दल ने जिले में अलीगढ़ रोड पर पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह में लोगों से पूछताछ शुरू की। श्रीवास्तव ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद शनिवार को पत्रकारों से कहा था, हमें दो महीने के भीतर हमारी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार और पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल भी दल के साथ थे।
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क्या है मामला
हाथरस में सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। भगदड़ के मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 6 जुलाई को, हाथरस पुलिस ने कहा कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा संदिग्ध फंडिंग की भी जांच कर रही है। अधिकारियों ने कहा था कि मधुकर ‘सत्संग’ के मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाले थे।
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बाबा के वकील का दावा, भीड़ में खोल दिए थे जहरीली गैस, इससे दम घुटा
साकार हरि बाबा के वकील एपी सिंह ने रविवार को बताया कि हाथरस में सत्संग के बाद हादसा बाबा की बढ़ती लोकप्रियता के खिलाफ एक साजिश है। हादसे के गवाहों ने उनसे संपर्क किया। गवाहों को कहना है कि 15-16 लोग जहरीली गैस के डिब्बे ले जा रहे थे, जिन्हें उन्होंने भीड़ में खोल दिया था। जिससे वहां भगदड़ मच गई। वकील एपी सिंह ने कहा कि मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है और इससे पता चला है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई है, न कि किसी अन्य कारण से। भगदड़ के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जहरीली गैस को छोड़ने वालों को भागने में मदद करने के लिए घटनास्थल पर वाहन खड़े थे। हमारे पास सबूत हैं और हम इसे देंगे। वकील एपी सिंह ने कहा कि जो गवाह उनके पास पहुंचे हैं, उन्होंने नाम न छापने का अनुरोध किया है। हम उनके लिए सुरक्षा की मांग करेंगे।
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