-जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने फिर उगला जहर
(फोटो : अमृतपाल)
नई दिल्ली। लोकसभा में बतौर सांसद शपथ लेने के एक दिन बाद रविवार को जेल में बंद अलगाववादी अमृतपाल सिंह ने फिर से खालिस्तान की मांग की और कहा, “खालसा राज्य का सपना देखना कोई अपराध नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उनकी टीम की तरफ से जारी एक बयान में, अमृतपाल सिंह ने अपनी मां की हालिया टिप्पणी के बारे में भी बात की, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनका बेटा खालिस्तानी समर्थक नहीं था और मांग की थी कि उसे रिहा किया जाए।
अमृतपाल ने कहा, “जब मुझे 6 जुलाई को मां के दिए गए बयान के बारे में पता चला तो मेरा दिल बहुत दुखी हुआ। मुझे यकीन है कि यह बयान मेरी माँ ने अनजाने में दिया था, लेकिन फिर भी मेरे परिवार या मेरा समर्थन करने वाले किसी भी व्यक्ति की ओर से ऐसा बयान नहीं आना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “खालसा राज्य का सपना देखना कोई अपराध नहीं है। यह गर्व की बात है। हम उस रास्ते से पीछे हटने का सपने में भी नहीं सोच सकते, जिसके लिए लाखों सिखों ने अपना बलिदान दिया है। ”
डिब्रूगढ़ की जेल में कैद
पैरोल पर जेल से बाहर आए कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह ने शुक्रवार को संसद भवन के अंदर और बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ली. सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत दर्ज मामले में असम के डिब्रूगढ़ की जेल में कैद हैं। लोकसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है कि अमृतपाल सिंह ने पंजाबी में शपथ लीष सिंह (31) ने हाल ही में जेल में रहते हुए पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मदीवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता था।
चार दिन की हिरासत पैरोल
सिंह को असम से दिल्ली आने जाने के मद्देनजर चार दिन की हिरासत पैरोल दी गई है, जो पांच जुलाई से शुरू हुई है। सिंह के वकील राजदेव सिंह खालसा ने कहा था कि उन्हें ‘सैन्य विमान’ से दिल्ली ले जाया जाएगा। उनके पैरोल आदेशों में कहा गया है कि अस्थायी रिहाई की अवधि के दौरान वे न तो किसी मुद्दे पर मीडिया से बात कर सकते हैं और न ही कोई बयान दे सकते हैं। उनके परिवार के सदस्य भी मीडिया में किसी भी तरह के बयान नहीं दे सकते।खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख सिंह को दिल्ली में अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी गई है। सिंह की पैरोल अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट ने मंजूर की थी, जहां से उन्हें अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया गया था।
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