भस्म आरती में वीकेंड पर वीआईपी ट्रीटमेंट बंद

  • उज्जैन में सावन मास में किया गया है बदलाव

(फोटो : महाकाल)

उज्जैन। अगर आप सावन मास में बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए जा रहे हैं तो वीकेंड यानी शनिवार-रविवार को जाएं। इन दो दिनों में किसी को भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। इससे आम जनता आसानी से बाबा महाकाल की भस्म आरती कर सकेगी। सावन मास में श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए महाकाल मंदिर समिति ने दर्शन व्यवस्था में ये बदलाव किया है। इन दो दिनों में किसी भी अधिकारी से लेकर मीडियाकर्मियों को प्रॉटोकोल नहीं मिलेगा। अभी भस्म आरती में 1700 श्रद्धालुओं को अनुमति मिलती है। इनमें से 700 से अधिक आम श्रद्धालु होते हैं। जबकि, 400 श्रद्धालु ऑनलाइन अनुमति लेकर आते हैं। बाकी के भक्त घंटों लाइन में खड़े होकर ऑफलाइन भस्म आरती की अनुमति लेते हैं। इनके अलावा 400 से ज्यादा लोग वीआईपी प्रॉटोकोल के जरिये भस्म आरती में शामिल होते हैं।

3 लाख से ज्यादा भक्त

बता दें, सावन के महीने में 3 लाख से ज्यादा भक्त रोज बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए आते हैं। शनिवार और रविवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। उज्जैन कलेक्ट नीरज कुमार ने कहा कि भक्तों की इतनी संख्या को देखते हुए दो दिन प्रॉटोकोल खत्म कर दिया गया है। इससे आम लोगों को फायदा होगा। फिलहाल प्रशासन सावन महीने को देखते हुए ये बदलाव कर रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आगे भी इसे लागू किया जा सकता है।

अप्रैल में भी बदले नियम

गौरतलब है कि अप्रैल महीने में भी बाबा महाकाल मंदिर समिति ने नियमों में बदलाव किए थे। उनके मुताबिक, श्रद्धालुओं और मीडियाकर्मियों की नंदी हॉल में एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई थी। समिति ने गर्भगृह में प्रवेश के लिए पुजारियों के लिए भी नियम बनाए थे। दरअसल, 25 मार्च की सुबह भस्म आरती में गुलाल के कारण गर्भगृह में आग लग गई थी। इस आग में 14 पुजारी आग की चपेट में आ गए थे। तब से मंदिर समिति और जिला प्रशासन महाकाल मंदिर की उत्तम व्यवस्था में जुट गया था। उसके बाद कलेक्टर ने नए दिशा-निर्देश जारी किए थे।

00000

प्रातिक्रिया दे