जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने थलसेना प्रमुख के रूप में संभाला कार्यभार
नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर कार्य करने का व्यापक अनुभव रखने वाले जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को भारतीय थलसेना के 30वें प्रमुख के रूप में पदभार संभाल लिया। उन्होंने जनरल मनोज पांडे का स्थान लिया है। जनरल द्विवेदी ऐसे समय में सेना प्रमुख बने हैं जब भारत, चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) सहित अनेक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहा है। वह उप सेना प्रमुख के रूप में भी काम कर चुके हैं। जनरल द्विवेदी ने जनरल मनोज पांडे का स्थान लिया है, जो थलसेना में चार दशक से अधिक की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं। सेना ने एक बयान में कहा, जनरल द्विवेदी के पास अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए प्रभावी योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने का व्यापक अनुभव एवं शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है। जनरल द्विवेदी 19 फरवरी को सेना के उप प्रमुख का कार्यभार संभालने से पहले 2022-2024 तक उत्तरी कमान के ‘जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ’ रहे थे। मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल के छात्र रहे जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर 1984 को भारतीय सेना की 18जम्मू कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे। उन्होंने बाद में इस इकाई की कमान भी संभाली थी। जनरल द्विवेदी को सेना की उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी कमान में विभिन्न अभियानों में काम करने का व्यापक अनुभव है। सेना ने कहा कि जनरल द्विवेदी का लक्ष्य सेना की समग्र क्षमता को बढ़ाने के लिए देश की जीवंत, सक्षम और उत्पादक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाकर महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के समावेश को बढ़ाना है। इसने कहा, वह ऐसे समय में सेना प्रमुख का पदभार संभाल रहे हैं, जब वैश्विक भू-रणनीतिक माहौल गतिशील बना हुआ है तथा तकनीकी प्रगति तथा आधुनिक युद्ध के निरंतर बदलते स्वरूप के कारण सुरक्षा क्षेत्र में चुनौतियां और अधिक स्पष्ट होती जा रही हैं।
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तालमेल बनाने की होगी चुनौती
सेना प्रमुख के तौर पर, जनरल द्विवेदी को एकीकृत कमान शुरू करने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर नौसेना तथा वायुसेना के साथ भी तालमेल बनाना होगा। थलसेना ने कहा कि राष्ट्र के समक्ष उभरते सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के वास्ते अभियानगत तैयारी सेना प्रमुख के लिए काफी महत्वपूर्ण कार्य होगा। सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा, इसके साथ ही, देश की रक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में, असंख्य गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों के लिए एक केंद्रित प्रतिक्रिया रणनीति भी प्राथमिकता होगी।
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युद्ध-शांति की बीच की स्थिति से निपटा
जनरल द्विवेदी ने महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में ‘ग्रे जोन परिस्थितियों’ (युद्ध और शांति के बीच की स्थिति) से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने कहा कि जनरल द्विवेदी को सुरक्षा क्षेत्र में आधुनिक और उभरती प्रौद्योगिकियों की गहरी समझ है तथा अभियानों की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए सैन्य प्रणालियों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग एवं एकीकरण करने के लिए उनके पास एक विचारशील दृष्टिकोण है।
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इसलिए बनाए गए चीफ
00 लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के पास चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर व्यापक परिचालन अनुभव है।
00 40 वर्षों की अपनी लंबी एवं विशिष्ट सेवा के दौरान उन्होंने विभिन्न कमान, स्टाफ एवं विदेश की नियुक्तियों में कार्य किया है।
00 परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया है।
00 लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज, वेलिंगटन और आर्मी वार कालेज, महू (मप्र) में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। उन्होंने डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में एफ.फिल किया है।
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दो क्लासमेट ने संभाला नौसेना-थलसेना की कमान
भारतीय सैन्य इतिहास में पहली बार दो सहपाठी ने नौसेना और थलसेना की एक साथ कमान संभाली है। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रविवार को थलसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाल लिया, जबकि एडमिरल दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल से ही नौसेना के प्रमुख हैं। दिलचस्प बात है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिक स्कूल, रीवा, मध्य प्रदेश में पढ़ाई की है। वे 1970 के दशक की शुरुआत में कक्षा 5वीं से ए तक एक साथ स्कूल में रहे थे। दोनों अधिकारियों के रोल नंबर भी एक-दूसरे के आस-पास ही थे, जैसे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 था और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और एडमिरल त्रिपाठी सैनिक स्कूल रीवा में पिछली सदी के सातवें दशक में पांचवीं कक्षा में सहपाठी रह चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था। स्कूल में शुरुआती दिनों से ही उनके बीच गहरी दोस्ती रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी थलसेना के 30वें प्रमुख होंगे। वह जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे जो 26 महीने के कार्यकाल के बाद रविवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
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