-स्पीकर चुनाव हारकर भी इंडिया ब्लॉक ने हासिल की कई उपलब्धि
नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा के लिए ओम बिरला एक बार फिर से स्पीकर चुन लिए गए हैं। ओम बिरला को ध्वनिमत से स्पीकर चुना गया हैं। लोकसभा स्पीकर की इस रेस में विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद के. सुरेश उम्मीदवार थे। ध्वनिमत के बाद प्रोटेम स्पीकर ने जब स्पीकर पद के लिए ओम बिरला के नाम की घोषणा की तो विपक्ष ने मत विभाजन की मांग नहीं कीष इस तरह से संख्याबल के अनुरुप ही इंडिया ब्लॉक स्पीकर पद की रेस हार गया। लेकिन इस हार के बावजूद विपक्ष ने ये संदेश दे दिया है कि 2024-29 की पारी 2014-24 जैसी नहीं होने वाली हैं। लोकसभा स्पीकर का चुनाव हारने के बावजूद इंडिया ब्लॉक देश में ये नैरेटिव स्थापित करने में सफल रहा कि आने वाले दिनों में सरकार एकतरफा फैसले नहीं ले सकेगी और उसे कदम-कदम पर विपक्ष की संविधान सम्मत चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। आइए समझते हैं कि लोकसभा स्पीकर चुनाव हारकर भी इंडिया ब्लॉक ने क्या क्या हासिल किया।
फिर से सेट किया दलित हित का एजेंडा
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने दलितों के हित के मुद्दे को खूब भुनाया था। स्पीकर चुनाव के बहाने कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक ने एक बार फिर से इस नैरेटिव को हवा दी और ये संदेश देने की कोशिश की कि इंडिया ब्लॉक दलितों की हितैषी हैं। बता दें कि इंडिया ब्लॉक ने लोकसभा स्पीकर के पद के लिए कांग्रेस के अनुभवी सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को उतारा था। के. सुरेश दलित समुदाय से आते हैं। वे ‘चेरामार’ समुदाय से हैं, जो अनुसूचित जाति में आती हैं। अपने कैंडिडेट की हार जानने के बावजूद उन्हें स्पीकर पद के लिए उतारकर कांग्रेस ने साफ संदेश दिया कि वो दलित हित की सबसे बड़ी पैरोकार हैं।
संविधान की रक्षा करने का नैरेटिव
स्पीकर चुनाव के जरिये इंडिया ब्लॉक ने एक और मैसेज देने की कोशिश की हैं। ये मैसेज है संवैधानिक प्रथाओं की रक्षा करने का। जब स्पीकर चुनाव की बात आती है तो प्रथा ये रही है कि स्पीकर सत्ता पक्ष का होगा और डिप्टी स्पीकर विपक्ष की ओर से कोई सांसद बनेगा। इस बार जब सत्ता पक्ष विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद देने के लिए राजी नहीं हुआ तो इंडिया ब्लॉक ने कहा कि सरकार सालों से चली आ रही थी प्रथा को भी नहीं मानती है इसलिए वे स्पीकर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे ताकि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा हो सके।
विपक्ष के तेवर का ट्रेलर
लोकसभा स्पीकर का चुनाव हारकर भी इंडिया ब्लॉक ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार एक ताकतवर विपक्ष के रूप में वो सत्ता पक्ष के साथ मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करने वाला हैं। राहुल गांधी और अखिलेश ने स्पीकर ओम बिरला को बधाई देते हुए अपना रुख भी स्पष्ट कर दिया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्पीकर विपक्ष को भी उचित मौका देंगे. राहुल ने कहा कि सरकार के पास पॉलिटिकल पावर ज्यादा है लेकिन विपक्ष भी भारत का प्रतिनिधित्व करता हैं। हमें भरोसा है कि आप हमारी आवाज हमें उठाने देंगे। अखिलेश ने तो यहां तक कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सांसदों का निष्कासन जैसी नौबत नहीं आएगी।
9999999999999999
भाजपा को इस चुनाव से क्या मिला?
इंडिया ब्लॉक के बाद अगर एनडीए/भाजपा की चर्चा करें तो स्पीकर पद पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को जीताकर मोदी-शाह और नड्डा की तिकड़ी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सरकार की सीटें भले ही कम हो गई है लेकिन तेवर और छवि के समझौता नहीं किया जाएगा।
0000

