—-हीटवेव बनी जान की आफत, दिल्ली में 12 साल बाद सबसे गर्म रात
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खास बातें
00 अस्पतालों में पहुंच रहे बेहोशी, उल्टी व चक्कर आने के मरीज
00 जून में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान जताया जा रहा
इंट्रो
देश की राजधानी दिल्ली-यूपी समेत कई राज्य गर्मी से उबल रहे हैं। आलम ये है कि लोगों को न तो कूलर में राहत मिल रही और न ही पंखे में। हर तरफ गर्मी से हाहाकार मचा हुआ है। आलम यह है कि एक दिन पहले यूपी में करीब 171 और दिल्ली-एनसीआर में 33 लोगों की गर्मी से मौत हो गई। इस बीच, मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश के कुछ इलाके, ओडिशा, झारखंड, बिहार और जम्मू डिवीजन के लिए अलर्ट जारी किया है।
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को 12 साल बाद सबसे गर्म रात रही और न्यूनतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से आठ डिग्री अधिक है। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी। दिल्ली में इससे पहले जून 2012 में सबसे गर्म रात दर्ज की गई थी और उस दौरान न्यूनतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात यहां इस मौसम की सबसे गर्म रात रही और 33.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 33 लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। पुलिस के पास अभी पांच जिलों का डेटा नहीं है। पुलिस अधिकारियाों का कहना है कि इसमें ज्यादातर लोग फुटपाथ व रैन बसेरों में रहने वाले थे। शुरुआती जांच में पुलिस इनकी मौत का कारण गर्मी ही मान जा रही है। हालांकि, यह भी कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो जाएगी। उधर, दिल्ली के 38 अस्पतालों में हर रोज बेहोशी, उल्टी व चक्कर आने के 100 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं।
भीषण गर्मी से राहत न मिलने के कारण दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में तापघात और थकावट की शिकायत लाने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। चिकित्सकों ने बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा वाले मरीजों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। पिछले महीने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ऐलान किया था कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों मे तापघात के मरीजों के लिए दो-दो बिस्तर आरक्षित रहेंगे, जबकि लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में ऐसे पांच बिस्तर रहेंगे। एक निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी को बुधवार से भीषण गर्मी से राहत मिलने के आसार हैं। ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली में 20 जून को हल्की बारिश होने की संभावना है।
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कल बदलेगा मौसम का मिजाज
मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली समेत कुछ राज्यों में अगले दो दिनों में कुछ जगहों पर धूल भरी आंधी के साथ हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है। हालांकि, इससे भी गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। तापमान में खास बदलाव नहीं होगा। दिन तो छोड़िए, रात में भी गर्म हवाएं चल रही हैं। दिल्ली वाले अब बारिश का बड़े ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी हवाएं इतनी मजबूती से चल रही हैं कि मानसून को आगे बढ़ाने वाली पूर्वी हवाएं कमजोर पड़ रही हैं। 27 जून के करीब दिल्ली में मानसून संबंधी गतिविधियां शुरू होने के आसार हैं। दिल्ली में जून के आखिर या जुलाई के पहले सप्ताह में मानसून पहुंच सकता है।
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छत्तीसगढ़ समेत 7 राज्यों में 4 दिन में पहुंचेगा मानसून
देश के आधे से अधिक राज्यों में मानसून पहुंच चुका है। नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में भारी, तो अन्य राज्यों में प्री मानसून बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में अगले 3-4 दिन में मानसून के पहुंचने का अनुमान जताया है। गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों के अलावा नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों- सिक्किम, अरुणाचल, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी बारिश हो रही है।
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मुंबई में अटका मानसून आगे बढ़ा
मुंबई में ठिठका मानूसन 21-22 जून से आगे बढ़ने लगेगा। इससे उत्तर भारत के राज्यों को बड़ी राहत मिलेगी। अनुमान है कि 20 जून से ही पश्चिमी विक्षोभ के चलते मामूली राहत उत्तर भारत के राज्यों को मिलने लगेगी। इसके बाद वीकेंड से राहत में थोड़ा और इजाफा होगा। मौसम विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी सुनील कांबले ने कहा, ‘मुंबई पहुंचने के बाद मॉनसून की गतिविधि ठहर गई थी। लेकिन अब इसमें धीरे-धीरे गति आ रही है। यह 21 से 22 जून तक तेजी पकड़ेगा और तटीय महाराष्ट्र में अच्छी खासी बारिश होगी।
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मौसम विभाग का यह अनुमान चिंता भी बढ़ा रहा
खासतौर पर 12 से 18 जून के दौरान बारिश में कमी आई है। मौसम विभाग का भी कहना है कि जून में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। यह मौसम विभाग के पुराने अनुमान से उलट है, जिसमें उसने इस साल मॉनसूनी बारिश सामान्य से अधिक रहने की भविष्यवाणी की थी। बता दें कि भारत में खेती के लिहाज से जून और जुलाई के महीने को खेती के लिहाज से अहम माना जाता है। खरीफ की फसल की बुआई के लिए मॉनसूनी बारिश जरूरी होती है।
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