यूपी की महिलाओं पर होते हैं सबसे ज्यादा अत्याचार, इसके बाद दिल्ली, महाराष्ट्र का नंबर

-एनसीडब्लू को मिलीं 12 हजार शिकायतों में आधी से ज्यादा उत्तर प्रदेश से

नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्लू) को इस साल अब तक उत्पीड़न से लेकर घरेलू हिंसा तक की 12,600 शिकायतें मिली हैं, जिनमें सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से दर्ज की गयी हैं। सबसे अधिक शिकायतें घरेलू हिंसा और उत्पीड़न की हैं। एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं से संबंधित हिंसा और उत्पीड़न की 3,107 शिकायतें मिलीं। यूपी के बाद दिल्ली और महाराष्ट्र का नंबर रहा जिन्होंने महिलाओं से जुड़ी शिकायतों के मामले में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। हिंसा से जूझ रहे मणिपुर से आयोग के पास महिलाओं के खिलाफ अपराध की केवल तीन शिकायतें दर्ज की गयी हैं।

50% से अधिक शिकायतें यूपी से

2024 में अब तक एनसीडब्लू को प्राप्त कुल 12,600 शिकायतों में से 6,470 उत्तर प्रदेश से थीं। एनसीडब्लू के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली से 1,113 शिकायतें की गईं जबकि महाराष्ट्र से यह संख्या 762 थी। अन्य राज्यों में, तमिलनाडु में 301, कर्नाटक में 305, बिहार में 584, मध्य प्रदेश में 514, हरियाणा में 509, राजस्थान में 408 और पश्चिम बंगाल में 306 शिकायतें दर्ज की गईं।

महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा की सबसे ज्यादा शिकायतें

इसके बाद घरेलू हिंसा की 3,544 शिकायतें आईं। आंकड़ों के अनुसार, दहेज उत्पीड़न की शिकायतें 1,957, छेड़छाड़ की शिकायतें 817, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की शिकायतें 518 और बलात्कार-बलात्कार के प्रयास की शिकायतें 657 रहीं। आंकड़ों के मुताबिक, यौन उत्पीड़न की 493, साइबर अपराध की 339, पीछा करने की 345 और महिलाओं के सम्मान पर हाथ डालने की 206 शिकायतें थीं। जहां तक महिलाओं के खिलाफ अपराधों की श्रेणियों का सवाल है, सबसे अधिक 3,567 शिकायतें सम्मान के अधिकार श्रेणी में प्राप्त हुईं, जिनमें घरेलू हिंसा के अलावा अन्य उत्पीड़न शामिल हैं। इसके बाद घरेलू हिंसा की 3,213 शिकायतें आईं।

दहेज उत्पीड़न की 1900 शिकायतें

आंकड़ों के अनुसार, दहेज उत्पीड़न की शिकायतें 1,963, छेड़छाड़ की 821, महिलाओं के खिलाफ पुलिस की उदासीनता की 524 और बलात्कार तथा बलात्कार के प्रयास की शिकायतें 658 रहीं। 2023 में एनसीडब्लू द्वारा महिलाओं से संबंधित कुल 28,811 शिकायतें दर्ज की गईं। राष्ट्रीय महिला आयोग एक वैधानिक निकाय है जो महिलाओं सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देता है। जिसे आमतौर पर महिला पैनल कहा जाता है, यह देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर भी नज़र रखता है और पीड़ितों को ऐसे मामलों में न्याय दिलाने के लिए राज्य और प्रशासन को दिशानिर्देश जारी करता है। वर्तमान में, एनसीडब्लू की अध्यक्ष रेखा शर्मा हैं।

पिछले साल भी सबसे ज्यादा शिकायतें यूपी से

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें दर्ज कीं और उनमें से लगभग 55% उत्तर प्रदेश से थीं। एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा शिकायतें (8,540) गरिमा के अधिकार (Right to Dignity) श्रेणी में प्राप्त हुईं, जिसमें घरेलू हिंसा के अलावा अन्य उत्पीड़न शामिल हैं। इसके बाद घरेलू हिंसा की 6,274 शिकायतें आईं थी।

आंकड़ों के अनुसार, 2023 में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 16,109 शिकायतें दर्ज की गईं, इसके बाद दिल्ली में 2,411, महाराष्ट्र में 1,343 शिकायतें दर्ज की गईं थी। बिहार में 1,312 शिकायतें, मध्य प्रदेश में 1,165, हरियाणा में 1,115, राजस्थान में 1,011, तमिलनाडु में 608, पश्चिम बंगाल में 569 और कर्नाटक में 501 शिकायतें दर्ज की गईं थी।

2022 में एनसीडब्लू को मिली थी सबसे ज्यादा शिकायतें

आंकड़ों के अनुसार 2023 में दहेज उत्पीड़न की शिकायतें 4,797, छेड़छाड़ की शिकायतें 2,349, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की शिकायतें 1,618 और बलात्कार तथा बलात्कार के प्रयास की शिकायतें 1,537 रहीं थी। यौन उत्पीड़न की 805, साइबर अपराध की 605, पीछा करने की 472 और सम्मान अपराध की 409 शिकायतें थीं। 2022 के बाद से महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों की संख्या में गिरावट देखी गई है। 2022 में एनसीडब्लू को 30,864 शिकायतें प्राप्त हुईं थी, जो 2014 के बाद से सबसे ज्यादा थीं।

000000

प्रातिक्रिया दे