-‘सिपरी’ की रिपोर्ट, ड्रैगन के पास 500, भारत के पास 172 और पाक के पास 170 परमाणु हथियार।
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास संघर्ष के बीच अत्यधिक चिंताजनक बने हुए अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा हालात के बीच ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्ट्टीट्यूट’ (सिपरी) की सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया में परमाणु हथियारों के मामले में चीन, भारत और पाकिस्तान से काफी आगे निकल गया है। मौजूदा वर्ष 2024 में ड्रैगन के पास कुल 500 परमाणु हथियार हैं। जबकि भारत के पास 172 और पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं। पिछले साल की स्थिति पर नजर डालें तो चीन के पास वर्ष 2023 में 410 परमाणु हथियार थे। चीन के परमाणु हथियारों की संख्या में आगे भी यह बढ़ोतरी जारी रहेगी। सिपरी के मास डिस्ट्रक्शन प्रोग्राम और न्यूक्लियर इनफार्मेशन प्रोजेक्ट से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी एच.एम क्रिस्टेंसेन ने कहा कि दुनिया के बाकी देशों की तुलना में चीन अपने परमाणु हथियार ज्यादा तेज गति से बढ़ा रहा है। लेकिन वहीं, दूसरी ओर सभी परमाणु शस्त्रों से लैस देशों भी अपने परमाणु हथियारों की के जखीरे को आगे बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
दुनिया में कुल 12 हजार 121 परमाणु हथियार
रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा वर्ष में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजराइल जैसे देशों के पास कुल परमाणु बमों की संख्या 12 हजार 121 पर पहुंच गई है। इनमें से 9 हजार 585 बम इन देशों के परमाणु हथियारों के जखीरे में तैनात किए गए हैं। जिनका जरूरत पड़ने पर तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है। 3 हजार 904 परमाणु बमों को मिसाइलों और लड़ाकू विमानों में तैनात किया गया है। यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 60 गुना ज्यादा है। कुल 12 हजार में से 2 हजार 100 परमाणु हथियार अंतर महाद्वीपीय मिसाइलों में हाई अलर्ट की मुद्रा में तैनात किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर का संबंध रूस और अमेरिका से है। सिपरी का कहना है कि दुनिया में परमाणु हथियारों के बढ़ने का यह सिलसिला एक चिंताजनक ट्रेंड की ओर इशारा करता है।
एलएसी विवाद के बीच चिंता का सबब
जानकारों का मानना है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बीते करीब चार वर्षों से अधिक समय से जारी विवाद के बीच चीन के परमाणु हथियारों में हुई यह वृद्धि भारत के लिए भविष्य में चिंता का सबब बन सकता है। लेकिन भारत अपनी मजबूत सैन्य-सामरिक क्षमता से दुश्मन द्वारा दी जाने वाली किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सदैव तैयार है। ड्रैगन ने पिछले एक साल में 90 नए परमाणु हथियार बनाए हैं। इनमें से 24 को पहली बार उसने हाई अलर्ट रखा है। दूसरी ओर देखें तो चीन के परमाणु हथियारों में की गई यह वृद्धि एक ऐसे में की गई है। जब उसका भारत के अलावा ताइवान और दक्षिण चीन सागर के कई द्वीपीय देशों के साथ समुद्री सीमा विवाद जारी है। चीन के साथ ही अमेरिका और रूस ने भी अपने परमाणु हथियारों के शस्त्रागार को हाई अलर्ट पर रखा है।
परमाणु हथियारों के मामले में शीर्ष पर रूस
सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा 5 हजार 580 परमाणु हथियार रूस के पास हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर 5 हजार 44 परमाणु हथियारों के साथ अमेरिका है। इसके बाद तीसरे स्थान पर 500 परमाणु हथियारों के साथ अब चीन काबिज हो गया है। इसके बाद फ्रांस के पास 290, ब्रिटेन के पास 225, भारत के पास 172, पाकिस्तान के पास 170, उत्तर कोरिया के पास 50 और इजरायल के पास 90 परमाणु हथियार हैं। रिपोर्ट के हिसाब से भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया जैसे देश अब एक मिसाइल में कई परमाणु बम तैनात करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इससे एक साथ कई लक्ष्यों को नेस्तनाबूद किया जा सकता है। दुनिया में साल दर साल परमाणु हथियारों को नष्ट भी किया जा रहा है। लेकिन इसकी तुलना में कई नए हथियार भी बनाए जा रहे हैं। भारत और पाक लगातार नए प्रकार के परमाणु हथियार विकसित कर रहे हैं।
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