आसमान में ‘थमा’ नजर आएगा चंद्रमा, दिखेगा दिलचस्प नजारा

नई दिल्ली। धरती के लिए चंद्रमा का होना ठीक उतना ही जरूरी है, जितना हमारी जिंदगी के लिए सांसें। अगर चांद न हो, तो धरती पर जीवन मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो जाएगा। इसीलिए तो हमारी किस्सों कहानियों में चांद अक्सर नजर आता है। लेकिन अब चांद पर बड़ा खेल हो जा रहा है। अब तक आपने चंद्रमा को घूमते हुए देखा होगा, लेकिन एक ऐसा वक्त आने वाला है, जब चांद आसमान में थमा या ठहरा हुआ नजर आएगा। मतलब ये नहीं कि चांद रुकने वाला है। बल्कि इसके उदय और अस्त होने का अधिकतम समय दिखेगा। 18.6 साल बाद आसमान में ये दिलचस्प नजारा देखने को मिलेगा। आकाश में यह घटना सितंबर 2024 और मार्च 2025 में नजर आएगी। दुनिया ने 8 अप्रैल को पूर्ण सूर्यग्रहण का अद्भुत नजारा देखा. उसके बाद अंतरिक्ष में नॉर्दन लाइट्स यानी अरोरा बोरियेलिस दिखाई पड़े. तो तैयार हो जाइए, अब एक और चमत्कारिक नजारा देखने को मिलने वाला है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2006 के बाद पहला बड़ा चंद्र गतिरोध आसमान में नजर आने वाला है। चंद्रमा क्षितिज पर सबसे दूर उत्तरी इलाके में उदय होगा और सबसे दूर दक्षिणी इलाके में अस्त होगा। 18.6 साल बाद हर बार ऐसी आसमानी कलाबाजी होती है।

वजह भी जान लीजिए

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चंद्रमा सूर्य की तरह अंतरिक्ष में नहीं चलता। धरती और चंद्रमा की गति के कारण क्षितिज पर इसके उदय और अस्त होने की स्थिति लगातार बदलती रहती है। सौरमंडल फ्लैट है। इसमें ग्रह सूर्य की परिक्रमा उसी तल पर करते हैं, जिसे क्रांतिवृत्त कहा जाता है। धरती इस क्रांतिवृत्त के सापेक्ष 23.4 डिग्री झुकी हुई धुरी पर घूमती है। सूर्य लगभग 47 डिग्री के भीतर उदय और अस्त होता है। वहीं, चंद्रमा क्रांतिवृत्त के सापेक्ष 5.1 डिग्री झुकी हुई है। यह हर महीने 57 डिग्री की सीमा के भीतर उदय और अस्त होती है। चंद्र गतिरोध तब होता है, जब जब पृथ्वी और चंद्रमा दोनों का झुकाव अपने अधिकतम पर होता है। तब चंद्रमा अपनी सीमा के चरम पर उगता और अस्त होता है। यानी यह सबसे दूर उत्तरी इलाके में उदय होगा। सबसे दूर दक्षिणी इलाके में अस्त होगा।

कब और कैसे देख पाएंगे

चंद्र ठहराव रात में चंद्रमा के आकाश में दिखने की अवधि पर असर डालता है। जब वह उत्तरी गोलार्ध में सबसे दूर होता है, तो ज्यादा समय तक आकाश में नजर आता है। आकाश में यह घटना सितंबर 2024 और मार्च 2025 में नजर आएगी। आप इसे देख पाएंगे या नहीं, यह मौसम पर निर्भर करेगा। इस आकर्षक नजारे को देखने का सबसे अच्छा समय शाम का होगा, जब चंद्रमा उगता है और सूरज डूबता है। आप पूर्णिमा के दिन इसका सबसे मनमोहक नजारा देख पाएंगे। इसे देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की जरूरत नहीं होगी। नंगी आंखों से भी यह नजर आएगा। आप अपने फोन में इसकी तस्वीरें खींचकर भी देख सकते हैं।

000000

प्रातिक्रिया दे