-कैबिनेट में भी रहेगा भगवा पार्टी का दबदबा
नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट में इस बार भी भारतीय जनता पार्टी का ही दबदबा रहने वाला है। जी हां, जनता दल (यूनाइटेड) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा उम्मीदवार का सपोर्ट करने की बात कही है। मालूम हो कि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का जदयू हिस्सा है। जदयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) एनडीए का हिस्सा हैं और लोकसभा स्पीकर पद के लिए बीजेपी की ओर से नामित कैंडिडेट का समर्थन करेंगे। त्यागी ने कहा, ‘जेडीयू और टीडीपी मजबूती से एनडीए से जुड़े हैं। हम स्पीकर के लिए भाजपा के नामित व्यक्ति का समर्थन करेंगे।’
त्यागी से कुछ विपक्षी नेताओं की टिप्पणियों के बारे में सवाल पूछा गया। उनसे कहा गया कि क्या नया लोकसभा अध्यक्ष टीडीपी या जेडीयू से हो सकता है? इसके जवाब में उन्होंने भाजपा की ओर से नामित उम्मीदवार को समर्थन देने की बात कही। मालूम हो कि भाजपा केंद्र में अपने सहयोगियों के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही है। जेडीयू लीडर त्यागी की टिप्पणी इस टिप्पणी को बड़े संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकती है। अध्यक्ष पद का उम्मीदवार पार्टी के सहयोगियों में से नहीं होने वाला है।
26 जून को लोकसभा अध्यक्ष पद का चुनाव
लोकसभा 26 जून को अपने नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी। सदन के सदस्य उम्मीदवारों के समर्थन में प्रस्ताव के लिए एक दिन पहले दोपहर 12 बजे तक नोटिस दे सकते हैं। 18वीं लोकसभा की पहली बैठक 24 जून को होगी और सत्र 3 जुलाई को समाप्त होगा। लोकसभा की ओर से इसे लेकर बुलेटिन जारी किया गया। इसमें कहा गया कि अध्यक्ष के चुनाव के लिए तय तिथि से एक दिन पहले कोई भी सदस्य अध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य सदस्य के समर्थन में प्रस्ताव के लिए महासचिव को लिखित रूप से नोटिस दे सकता है। मौजूदा मामले में अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रस्ताव के वास्ते नोटिस मंगलवार, 25 जून दोपहर 12 बजे से पहले दिए जा सकते हैं।
सत्र के पहले 2 दिन नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के लिए समर्पित होंगे। अध्यक्ष के चुनाव के लिए 26 जून की तिथि तय की गई है, जबकि 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। प्रस्ताव के लिए नोटिस का समर्थन किसी तीसरे सदस्य द्वारा किया जाना चाहिए। साथ ही, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार द्वारा यह बयान भी दिया जाना चाहिए कि वह निर्वाचित होने पर अध्यक्ष के रूप में काम करने के लिए तैयार है। लोकसभा सचिवालय ने नियमों का हवाला देते हुए बताया कि कोई सदस्य अपना नाम प्रस्तावित नहीं कर सकता है या अपने नाम वाले किसी प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकता है।
0000

